सिंधिया समर्थकों का भाजपा में बढ़ेगा कद,संगठन के बाद निगम-मंडलों में भी होगी नियुक्ति

मप्र भाजपा इस वक्त बदलाव के दौर से गुजर रही है। बुंदेलखंड में कांग्रेस से भाजपा में आए कार्यकर्ताओं को लेकर शीत युद्ध चल रहा है दूसरी तरफ ज्योतिरात्य सिंधिया भाजपा में अपना विस्तार करते जा रहे हैं। हाल ही में एमपी बीजेपी का संगठन महापर्व समाप्त हुआ है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया की जमकर चली। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को बीजेपी के संगठन में स्थान दिया गया है। सिंधिया समर्थकों को संगठन में मिल रहे महत्व को देख कर मूल भाइपाइयों के कलेजे में सांप लोट रहा है। सिंधिया समर्थकों के लिए भाजपा के संविधान में भी संशोधन किया जा रहा है। भाजपा संविधान के मुताविक संगठन में उसी ब्यक्ति को पद दिया जाता है जो छह साल से पार्टी का सक्रिय सदस्य हो लेकिन सिंधिया के साथ आए किसी भी समर्थक का छह साल नहीं हुआ और उन्हे संगठन में स्थान दिया जा रहा है। तत्कालीन शिवराज सरकार में भी सिंधिया समर्थकों को निगम मंडलों में शामिल किया गया था लेकिन उस वक्त की बात और थी क्योंकि सिंधिया ने थाली में सजा कर भाजपा को सरकार दी थी। उस वक्त भाजपा कार्यकर्ताओं से ये कहा गया था कि इस पंचवर्शीय के लिए ये सब समझौता किया जा रहा है आगे सभी की परफॉर्मेंस के आधार पर और पार्टी संविधान के मुताबिक ही होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। भाजपा के संगठन महापर्व के दौरान बूथ,मंडल और जिला स्तर पर सिंधिया समर्थकों का दबदबा देखने को मिला है। अब सूचना मिल रही है कि प्रदेश अध्यक्ष का चयन होने के बाद निगम मंडलों की नियुक्ति होनी है जिसमें एक बार फिर सिंधिया समर्थकों का दबदबा रहने वाला है। वहीं भाजपा के मूल कार्यकर्ता भी समय के इंतजार में बैठे हैं माना जा रहा है कि अब सिंधिया समर्थकों को ज्यादा महत्व दिया गया तो पार्टी में विद्रोह की आग सुलग सकती है। जिस प्रकार से बुंदेलखंड में भूपेन्द्र सिंह ने कांग्रेस से आए नेताओं के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है ठीक उसी प्रकार से प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से भी विद्रोह की आग सुलग सकती है।
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