कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर फंसा पेंच,भोपाल में बैठक के बाद दिल्ली में कांग्रेस नेताओं ने दी दस्तक,चुनाव में हारे नेता कार्यकारिणी में चाहते है जगह
मप्र कांग्रेस कमेटी की तरफ से कार्यकारिणी को अंतिम रुप देने पर लगातार काम चल रहा है जिसके लिए भोपाल में जून और जुलाई के महीने में दो बार लगातार बैठकें भी हो चुकी हैं| इतना ही नहीं दिल्ली से आई टीमों ने हारे और जीते कार्यकर्ताओं के साथ साक्षात्कार भी किया जिसमें कई तरह की बातें बाहर निकल कर सामने आई हैं| प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का जिस प्रकार से कार्यकर्ताओं के प्रति रवैया है उससे पार्टी के कई सीनियर नेता नाराज हैं| और वो इस बात की शिकायत दिल्ली से आई टीम से भी कर चुके हैं| कांग्रेस अध्यक्ष चाहते हैं कि अब नई कार्यकरिणी बने तो उनका टीम में पूरा होल्ड होना चाहिए और पार्टी उन्हे फ्री हैंड रखे| इस बात को लेकर कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बगावती तेवर अपना रखा है| दरअसल अजय सिंह (राहुल) कांतीलाल भूरिया,बाला बच्चान सहित कई ऐसे नेता हैं जो जीतू पटवारी से सीनियर हैं और उन्हे धीरे-धीरे कर पार्टी से साइड लाइन किया जा रहा है| लिहाजा वो अपनी राजनीतिक वर्चश्व बचाने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होना चाहते हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष चाहते हैं कि नई कार्यकारिणी में युवा चेहरों को मौका मिलना चाहिए और जो सीनियर नेता हैं उनको मार्गदर्शक मंडल में डाला जाना चाहिए| कांग्रेस इस बार की प्रदेश कार्यकारिणी में कसावट के साथ अच्छे पदाधिकारियों को चाह रही है जो 2028 तक पार्टी के लिए लगातार मेहनत कर सकें और कांग्रेस को एक बार फिर चुनाव लड़ने के योग्य बना सकें| लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली तक दस्तक देना शुरु किया है उसके बाद से प्रदेश कार्यकारिणी बनाने में कांग्रेस हाई कमान को दिक्कतें हो रही हैं और वो एक बार फिर पार्टी के नेताओँ के साथ रायशुमारी करने की योजना तैयार कर रहा है| दिल्ली हाई कमान चाहता है कि कार्यकारिणी बने तो उसमें किसी प्रकार के विवाद की गुंजाइश न रहे लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति देखने को मिल रही है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि नई कार्यकारिणी को लेकर कांग्रेस में बड़े विवाद की स्थिति बनने वाली है|
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