अधिकारियों की लगेगी क्लाश,प्रमुख सचिव वीरा राणां अधिकारियों से हुई नाराज,15 से 29 जुलाई के बीच होगी अधिकारियों की रिव्यू मीटिंग
राज्य सरकार की ओर से बनाई जा रही योजनाओं को लेकर प्रदेश के अलग-अलग विभागों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी गंभीर नहीं हैं| अधिकारियों और कर्मचारियों की इस उदासीनता से नाराज प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणां अब अफसरों की क्लास लेने की योजना तैयार कर रही हैं| सीएस वीरा राणा ने 15 से 29 जुलाई तक अलग-अलग विभागों की रिव्यू मीटिंग बुलाई है| जिसमें सभी अफसरों को रिपोर्ट के साथ तबल होने के निर्देश दिए गए है। दरअसल, प्रदेश में मुख्य सचिव द्वारा सीएस मानिट में रखे जाने वाले प्रकरणों के निराकरण को लेकर विभाग और अधिकारी गंभीर नहीं हैं। सीएस मानिट में पांच साल से अधिक समय के केस पेंडिंग हैं, जिसका निराकरण नहीं हो पा रहा है। सबसे अधिक 518 मामले गृह विभाग के पेंडिंग हैं। नगरीय विकास और आवास विभाग के 274 केस लंबित है। मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी विभागों को पोर्टल पर इसकी रिपोर्ट अपडेट करने के साथ मानिट रिव्यू मीटिंग में अफसरों को भेजने के लिए नोटशीट लिखी। बार-बार पत्र लिखने के बावजूद भी अफसरशाही पर कोई असर नहीं पड़ा। जिसके बाद सीएस वीरा राणा ने सभी अफसरों को रिपोर्ट के साथ तलब किया है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के पास विभिन्न विभागों से संबंधित ऐसे मामले जिनके निराकरण को प्रायोरिटी दी जाती है और लोकहित से जुड़े होते हैं। ऐसे मामलों को सीएम या सीएस मानिट में शामिल किया जाता है। इसके लिए एक अलग सेल सीएम और सीएस मानिट की बनी हुई है।
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