एक देश-एक चुनाव के लिए होगा संसद का विशेष सत्र,महिला आरक्षण जैसे विधेयक पर भी होगी चर्चा
मोदी सरकार ने अचानक पांच दिवसीय संसद सत्र बुला कर विपक्षी खेमें में हलचल पैदा कर दी है (special session of parliament)। हांलाकि संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के बारे में कोई एजेंडा जारी नहीं किया गया है जिसके कारण विपक्षी दलों में टेंशन ज्यादा देखने को मिल रही है। लेकिन माना यह जा रहा है कि संसद के इस विशेष सत्र में एक देश-एक चुनाव (one nation one election) और महिला आरक्षण (women reservation) जैसे विधेयकों को पारित कराने की सरकार कोशिश कर सकती है। संभावना जताई जा रही है कि यह सत्र संसद के नए भवन में आयोजित किया जाएगा। ऐसे में देखना होगा कि उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले विपक्षी दल इस सत्र में आते हैं या नहीं। संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी (Pralhad Joshi) ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि 'संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक बुलाया जा रहा है जिसकी पांच बैठकें होंगी। अमृत काल में संसद में सार्थक चर्चा और बहस की आशा है' पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ वर्षों में पहली बार ऐसा विशेष सत्र बुलाया गया है। यह पांच दिन का पूर्ण सत्र होगा जिसमें दोनों सदनों की अलग-अलग बैठकें होंगी जैसी सामान्य सत्रों में होती हैं। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी की जन्मतिथि के अगले ही दिन बुलाए गए सत्र में लोकसभा,विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने संबंधी विधेयक,लोकसभा और विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष रुप से निर्वाचित होने वाले सदनों में महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक ला सकती है। सरकार विशेष सत्र में चन्द्रयान,जी-20 जैसी कुछ बड़ी उपलब्धियों पर चर्चा कराने का प्रयास करेगी। इसके अलावा सरकार अंग्रेजों के कानूनों (आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट) में बदलाव से जुड़े विधेयकों को भी पारित कराने का प्रयास कर सकती है। जिन्हे मानसून सत्र में पेस किया गया था और स्थाई समिति में भेज दिया गया था। बताया यह भी जा रहा है कि सत्र के दौरान मोदी सरकार अपनी चपलब्धियां भी सबके सामने रखेगी।
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