'जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार' योजना से शहरी सुविधाओं का गांव में लाभ उठाएंगे प्रदेश के आदिवासी

Nov 7, 2024 - 08:39
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'जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार' योजना से शहरी सुविधाओं का गांव में लाभ उठाएंगे प्रदेश के आदिवासी

मप्र के करीब 93 वे लाख जनजातीय परिवारों को शहरी सुविधाओं से जोड़ने की तैयारी राज्य सरकार ने की है।इस अभियान में प्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखंडों में स्थित 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांवों का संर्वागीण विकास किया जायेगा। इन 51 जिलों में 43 जनजातीय समुदायों के 18 लाख 58 हजार परिवार निवास करते हैं, जिनकी कुल 93 लाख 23 हजार आबादी इस अभियान से सीधे तौर पर लाभान्वित होगी। अभियान में केन्द्र सरकार द्वारा देशभर में 100 ट्रायबल मल्टी-पर्पज मार्केटिंग सेंटर्स (टीएमएमसी) या कहें 'जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार' तैयार करने की योजना है। इसमें ‘पहले आयें-पहले पायें’ की तर्ज पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को जिस राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश से सबसे पहले प्रस्ताव मिलेंगे, उन्हें प्राथमिकता से यह टीएमएमसी आवंटित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस दिशा में त्वरित एवं प्रगतिशील कदम उठाते हुए केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव को वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 19 जिलों में एक-एक टीएमएमसी स्थापित करने का अधिकृत प्रस्ताव भेज दिया है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को प्रदेश के 19 जिलों में एक-एक टीएमएमसी (जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार) स्थापना के लिये विधिवत् प्रस्ताव भेज दिया गया है। प्रस्ताव के अनुसार 19 जिलों में यह टीएमएमसी एक-एक करोड़ रूपये लागत से लगभग 2000 स्क्वायर मीटर लैंड एरिया में बनाये जायेंगे, जिसका बिल्ट-अप लैंड एरिया करीब 367.80 स्क्वायर मीटर होगा।

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