'शिव' के सामने 'उमा' की चुनौती,अब महिला ओबीसी आरक्षण पर होगा आर-पार
मप्र भाजपा में उपेक्षाओं का शिकार हो रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने अपनी ही सरकार के खिलाफ एक बार फिर बगावती तेवर अपनाते हुए संघर्ष का ऐलान कर दिया है। उमा भारती ने ओबीसी नेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की जिसमें उन्होने महिला आरक्षण (अन्य पिछड़ा वर्ग) के मुद्दे को लेकर बैठक में महिला आरक्षण बिल में ओबीसी महिलाओं को विशेष स्थान दिलाने के लिए विचार मंथन किया (women reservation bill) । उमा भारती ने महिलाओं के समक्ष संकल्प दिलाया कि आप मेरी शक्ति बनाए रखिए, मैं 33% महिला आरक्षण पर ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार के ऊपर दबाव बनाऊंगी। उमा भारती पहले ही कह चुकी हैं कि वह महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं के विशेष स्थान की पक्षधर हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र भी लिख चुकी हूं। उमा भारती ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब कभी भी मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में वह अपने लिए कोई जमीन नहीं तलाश रही हैं। उनका संकल्प अब केवल पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को न्याय दिलाना है। उमा भारती ने यह भी कहा कि मैं गरीब, गाय और समाज के लिए हमेशा लड़की रहूंगी और लड़की रही हूं। गौरतलब है कि इससे पहले उमा भारती ने शराबबंदी के नाम पर प्रदेश सरकार (MP Government) के खिलाफ मोर्चा खोला था जिसके बाद सरकार बैकफुट पर आई और आहाते बंद कर दिए गए। लेकिन अब उमा भारती ने ओबीसी महिला आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरने का नया मुद्दा ढूंढ निकाला है और इस वक्त भाजपा और कांग्रेस किसी भी सूरत में ओबीसी वर्ग को अपने पक्ष में करने के लिए जी जान से जुटा हुआ है।
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