फिर उठा चेहरे पर सवाल,'उमंग' में सिंघार
पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने एकबार फिर बगावती तेवर अपनाते हुए मध्यप्रदेश में आदिवासी सीएम की आवाज को बुलंद किया है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए उमंग सिंघार ने कहा कि एमपी में जिस प्रकार से आदिवासियों के ऊपर अपराध और अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं ऐसी स्थिति में प्रदेश में आदिवासी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि यह वही उमंग सिंघार हैं जिन्होने तत्कालीन कमलनाथ सरकार के दौरान कहा था कि पर्दे के पीछे से दिग्विजय सिंह सरकार को चलाते हैं उन्होने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर अवैध रेत उत्खनन का भी आरोप लगाया था हांलाकि इस पूरे मामले में दिग्विजय सिंह की ओर से आज तक किसी प्रकार की सफाई अथवा बयान नहीं आया है कि उमंग सिंघार के आरोप निराधार हैं अथवा उनमें किसी प्रकार की सत्यता भी है। इस बात में कोई सक नहीं है कि उमंग सिंघार एक राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं और जिस प्रकार से उनके पूरे परिवार ने कांग्रेस पार्टी की सेवा की है उसके हिंसाब से उन्हे पार्टी में महत्व नहीं दिया गया है। जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तब भी उन्हे वन मंत्रालय दिया गया था लेकिन पार्टी कभी उनके साथ खड़ी नजर नहीं आई। लेकिन उमंग सिंघार ने जिस प्रकार से आदिवासी सीएम की मांग खुलेआम उठाई है इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने जिस प्रकार से आदिवासियों पर फोकस किया है तो इस मांग के बाद आदिवासी वोट कांग्रेस पार्टी से छिटक सकता है। इतिहास की ओर नजर डालें तो प्रदेश में सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी का ही राज रहा है जिसमें एक भी आदिवासी सीएम नहीं बन पाया है उसके उलट भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो आदिवासी को राष्ट्रपति बना कर उन्होने यह साबित कर दिया है कि वो आदिवासियों के कितने हितैषी हैं साथ में एमपी में भी भाजपा ने आदिवासियों के हित में कई सारी योजनाएं शुरु की है जिसमें पेसा ऐक्ट योजना सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाओं में हैं। हवीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर रानी कमला पति रेलवे स्टेशन किया गया। शंकर और रघुनाथ शाह की मुर्ण्यतिथि से लेकर टंट्यामामा भील को लेकर भाजपा की ओर से लगातार कोई ना कोई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कांग्रेस पार्टी की ओर से आदिवासी नेता तो कई तैयार हुए जिसमें कांतीलाल भूरिया हों अथवा ओमकार मरकाम लेकिन उन्हे ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है जब आदिवासियों को साधने की बात आती है तब जरुर इन नेताओं को कांग्रेस पार्टी आगे करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने लगती है। उमंग सिंघार के बयान के बाद प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी खुलेतौर पर चुटकी ली और कहा कि वो उमंग सिंघार के कायल हैं जिस प्रकार से वो कांग्रेस में रह कर खुल कर बोलते हैं और यह स्वीकार करते हैं कि सरकार को पर्दे के पीछे से कोई और चला रहा है ऐसा बयान सिर्फ उमंग सिंघार ही दे सकते हैं।
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