'विनोद' के सिर सज सकता है प्रदेश अध्यक्ष का ताज,आखिर इसके पीछे क्या है राज पढ़िए खबर
मध्य प्रदेश बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा इस बात के चर्चे आम हैं। राजनीतिक पंडित दावेदारों की कुंडलियां भी खंगालने में लगे हैं। अब तक करीब एक दर्जन नेताओं के चेहरों पर लोग दांव लगा चुके हैं। इस बीच एक और नया नाम सामने आ रहा है महाकौशल से विनोद गोटिया का। ये भाजपा के एक ऐसे नेता हैं जो लाइमलाइट से दूर रह कर भी लाइमलाइट में बने रहते हैं। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा के विरुद्ध भाजपा ने इनको निर्दलीय उम्मीदवार बनाया। तत्कालीन सरकार में पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रहे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे,चुनाव के दौरान इनको महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी गई। भाजपा को जब भी कोई बड़ी रणनीति तैयार करनी होती है उस हर रणनीति का विनोद गौटिया हिस्सा होते हैं। नाम जबलपुर के सांसद का भी है लेकिन विनोद गोटिया का संगठनात्मक अनुभव मजबूत हैं। दूसरी तरफ भाजपा के सोच की बात की जाए तो मालवा से सीएम पद दिया गया। निमाड़ से डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा हैं। विंध्य से डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला हैं। ग्वालियर-चंबल से विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर हैं। महाकौशल से सरकार में मंत्री राकेश सिंह हैं लेकिन बैलेंस फिर भी ठीक नहीं है लिहाजा अब भाजपा विनोद गोटिया पर दांव लगा सकती है। भाजपा में दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है। अगर आदिवासी चेहरा अध्यक्ष बने तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। क्योंकि भाजपा ने जनजाति वर्ग को साधने की भरपूर कोशिश की लेकिन अपेक्षा के अनुरुप आदिवासी वर्ग आज भी भाजपा के साथ पूर्ण रुप से नहीं है। जबकि इस वर्ग को खुश करने के लिए शिवराज सरकार में पेसा कानून लागू किया गया था। अब भाजपा अध्यक्ष देखर एक बड़ा प्रयोग कर सकती है। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी वर्ग से सीएम दिया है तो एमपी से प्रदेश अध्यक्ष दिया जा सकता है। चर्चा वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल बढ़ने की भी है।
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