‘आखिर सिंधिया करना क्या चाहते हैं’ भाजपा नेताओं के लिए सिंधिया बने पहेली,बूझने का प्रयास कर रहे भाजपा के नेता और राजनीतिक विश्लेषक
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा आए बयान में प्रदेश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है| लेकिन यहां उनके बयान के कुछ और मायने भी निकाले जा रहे हैं| सिंधिया जब साल 2020 मे भाजपा में शामिल हुए तब उनके हिसाब से मप्र भाजपा चली और उनके कहे अनुसार सरकार में मंत्रियों को भी शामिल किया गया यहां तक कि निगम मंडलों में भी सिंधिया का ही रुतवा रहा| सेकिन साल 2023 में जब भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ विजय हासिल की तो ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद भाजपा में घट गया और भारतीय जनता पार्टी ने अपने हिसाब से ही मंत्रिमंडल में नेताओं को स्थान दिया| बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि केन्द्र की सरकार बनी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीद थी कि उनका कद बढ़ेगा लेकिन उनको 11वें नंबर में धकेल दिया गया उनसे काफी पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को पांचवें नंबर पर स्थान दिया गया| सिंधिया की की नाराजगी उस वक्त तो नहीं दिखी लेकिन इस पूरे मामले में कांग्रेस नेताओं ने धीरे-धीरे पेट्रोल छिड़कने का काम शुरु कर दिया| करीब पांच महीने में पेट्रोल छिड़कते-छिड़कते उसमें माचिस मारने की बारी आई तो राहुल गांधी ने संसद के अंदर ज्योतिरादित्य सिंधिया का हात पकड़ कर माचिस मारने का काम भी कर दिया| राहुल गांधी ने सिंधिया का हाथ क्या थामा उनके सुर ही बदल गए| एमपी आते ही सिंधिया ने बयान दिया कि नेतृत्व अगर उन्हे विजयपुर में चुनाव प्रचार करने के लिए भेजता तो वो जरुर प्रचार करने के लिए जाते| सिंधिया ने एक बयान से प्रदेश की सियासत में भूकंप लाने का काम कर दिया बांकी उनके बयान को आगे बढ़ाने का काम कांग्रेस नेताओं ने किया| जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया प्रदेश के राजनीतिक हल्कों में जमकर कयासों का दौर शुरु हो गया|सिंधिया के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी भी हरकत में आई क्योंकि उस बयान की क्लिपिंग को कांग्रेस की तरफ से लगातार वायरल किया जा रहा था| सिंधिया के बयान का काउंटर करने के लिए पहले बीजेपी मीडिया बिभाग ने मोर्चा संभाला बात जब नहीं बनी तो उसके बाद प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने ऑफीशियली प्रेसवार्ता बुलाई और उन्होने कहा कि सिंधिया को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव,प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने खुद चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित किया था उसके बाद भी सिंधिया ब्यस्तताओं के कारण चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं पहुंच पाए| भगवानदास सबनानी ने स्पस्ट शब्दों में कहा कि सिंधिया द्वारा यह कहना कि उन्हे नेतृत्व की तरफ से नहीं कहा गया यह पूरी तरह से गलत है| प्रदेश महामंत्री ने यह भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भाजपा की तरफ से स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल था फिर भी वो कहते हैं कि उन्हे नेतृत्व की तरफ से नहीं कहा गया यह पूरी तरह से गलत है| सिंधिया द्वारा दिए गए इस बयान का एक ही मतलब है कि अगर भाजपा में उनकी नहीं चली तो उनके लिए उनके पुराने दोस्त पहले से ही हाथ थामने के लिए बैठे हैं|
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