मोहन सरकार का ये कैसा फैसला,विधानसभा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का अब भी सरकार ही भरेगी आयकर
प्रदेश की मोहन सरकार ने गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक के दौरान एक बड़ा फैसला किया था जिसमें सभी मंत्रियों के आयकर से सरकार को अलग करते हुए कहा था कि अब सभी मंत्री अपना आयकर खुद भरेंगे| गौरतलब है कि 1997 में एक अध्यादेश के जरिए दिग्विजय सरकार ने एक ऐसा फैसला किया था जिसके तहत राज्य सरकार के मंत्रियों का आयकर प्रदेश सरकार वहन करती थी| इस विरोधाभाष को मुख्यमत्री डॉ. मोहन यादव ने खत्म कर दिया लेकिन उसके बाद भी इस योजना में तीन लोग शामिल नहीं हैं| विधानसभा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का आयकर अब भी राज्य सरकार ही भरेगी| मोहन मंत्रिमंडल में जो नया प्रविधान बनाया गया उसमें अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को शामिल नहीं किया गया है| इन नेताओं को विधानसभा से मिलने वाली अन्य छूट जैसे आवास में भी आयकर की छूट दी जा रही है| दिग्विजय सरकार में जब आयकर की छूट का विधेयक लाया गया था तब भाजपा विपक्ष में थी लेकिन तब किसी ने विरोध नहीं किया था| 2003 के बाद यह सारे लाभ भाजपा सरकार में मंत्री रहे सभी नेताओं को भी मिला| विधानसभा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को भत्ते और अन्य परिलब्धियों पर लगने वाला आयकर जब विधानसभा सचिवालय ने भरने का निर्णय लिया था,तब मप्र विधानसभा के अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी थे और भेरुलाल पाटीदार उपाध्यक्ष थे| नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा थे और सभी ने इस फैसले पर सहमति जताई थी| इस फैसले में विधायकों को भी शामिल करने का प्लान था लेकिन किसी कारण वस विधायकों को शामिल नहीं किया जा सका था|
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