आखिर बीजेपी के कार्यकर्ताओं में इतना असंतोष क्यों? कैडर की बात करने वाली बीजेपी दिख रही नेतृत्व विहीन

मध्य प्रदेश बीजेपी इन दिनों कार्यकर्ताओं के बीच उपजे असंतोष की स्थिति से गुजर रही है| जिन कार्यकर्ताओं में अपने संगठन के प्रति गर्व का भाव देखने को मिला करता था वही कार्यकर्ता आज दवी जुवां कहते हैं कि उनकी पार्टी में क्या हो रहा है पता ही नहीं चलता| दरअसल जिस प्रकार से पीएम मोदी और अमित शाह ने बीजेपी को अपने कब्जे में लिया है उसके बाद पार्टी में जिस प्रकार से फैसले हो रहे हैं उसका कोई कार्यकर्ता विरोध तो नहीं कर रहा है लेकिन हर कार्यकर्ता के मन में यही चलता है कि किसकी लॉटरी लगने वाली है दोनों दाढ़ी वाले किसको लेकर फैसला करने वाले हैं| गौरतलब है कि एमपी बीजेपी में संगठनात्मक चुनाव खत्म हो चुके हैं और जिस प्रकार से कार्यकर्ताओँ को यह कह कर ढाढ़स बंधाया जा रहा था कि जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष का चयन हो जाएगा वो कुछ भी हुआ नहीं| जो कार्यकर्ता पार्टी में सालों से काम कर रहे हैं उनकी हसरत कोई पद पाने की है| उन्हे यही लग रहा है कि केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष का फैसला कर दे तो वो अपने लिए पहल शुरु करें लेकिन वो दिन कब आएगा यह पता ही नहीं चल रहा है| पहले दिल्ली चुनाव की बात हो रही थी कि चुनाव खत्म होते ही धर्मेन्द्र प्रधान भोपाल आएंगे और प्रदेश अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी शुरु हो जाएगी| चुनाव भी खत्म हो चुका दिल्ली में सीएम भी बन गए लेकिन मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष पर फैसला नहीं हो पाया है| कार्यकर्ताओं में अध्यक्ष को लेकर एक ऐसा माहौल बन गया है कि अब वो पार्टी के लिए कोई काम करने के लिए दस बार विचार करते हैं| बीजेपी प्रदेश कार्यालय में कुछ महीने पहले जो रौनक दिखाई पड़ा करती थी वो भी खत्म हो चुकी है क्योंकि कार्यकर्ताओं में अब दिलचस्पी भी नहीं रही| जो उत्साह था वो भी खत्म हो चुका है अब तो यह स्थिति बन रही है कि पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष का नाम आते ही चिढ़ से जाते हैं क्योंकि नए अध्यक्ष की घोषणा हो नहीं रही और पुराने अध्यक्ष का एक्सटेंशन होगा या नहीं इस बात पर भी कोई बात क्लियर नहीं हो रही है| लिहाजा भाजपा के कार्यकर्ता अब शांत बैठ कर उस वक्त का इंतजार कर रहे हैं जब केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फैसला करेगा|
What's Your Reaction?






