क्या बैलेट पेपर से वोट पड़ेंगे तो कांग्रेस की सरकार आएगी,आखिर कांग्रेस को ईवीएम पर क्यों नहीं है विश्वास
कांग्रेस चुनाव जीते तो ईवीएम ठीक-भाजपा चुनाव जीते तो ईवीएम हैक। दरअसल महाराष्ट्र में भाजपा की प्रचंड जीत ने कांग्रेस नेताओं को सदमें में ला दिया है। और खुद की सरकार द्वारा लाई गई ईवीएम मशीन पर आज कांग्रेस ही सवाल खड़े कर रही है। अब तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां तक कहा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर कांग्रेस देश भर में अभियान चलाएगी और देश की जनता को ईवीएम के साइड इफेक्ट बताएगी। अब सवाल इस बात का उठता है कि क्या झारखंड में ईवीएम नहीं थी। पश्चिम बंगाल में चुनाव हुए तो ईवीएम नहीं थी। जहां भी भाजपा छोड़ कोई दूसरे दल की सरकार आती है तो ईवीएम पर कांग्रेस के नेता सवाल खड़ा नहीं करते हैं। एमपी में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए जिसमें विजयपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश मल्होत्र ने जीत दर्ज की जबकि उनके खिलाफ सरकार के मंत्री रामनिवास रावत चुनाव लड़ रहे थे। एमपी में कांग्रेस ने एक सीट जीती तो किसी नेता ने ईवीएम पर सवाल खड़ा नहीं किया। जिस प्रकार से ईवीएम पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं उससे यह भी सवाल उठता है कि लोकसभा चुनाव में जब भाजपा की 240 सीटें आई और कांग्रेस की 99वे सीटें आईं तब भी कांग्रेस ने ईवीएम पर कोई सवाल खड़ा नहीं किया। अब एक बात यह उठ रही है कि क्या बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं तो क्या कांग्रेस फिर अपने पुराने रंग में आएगी यह एक बड़ा सवाल है?
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