यूं ही कोई ‘शिव’ जनता के दिलों में ‘राज’ नहीं करने लगता,उसके लिए कठोर परिश्रम और जनता के प्रति लगाव ही उसको आगे लेकर चलता है

Jun 16, 2024 - 12:21
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यूं ही कोई ‘शिव’ जनता के दिलों में ‘राज’ नहीं करने लगता,उसके लिए कठोर परिश्रम और जनता के प्रति लगाव ही उसको आगे लेकर चलता है
Shivraj Singh

मध्यप्रदेश का एक ऐसा नेता जिसको पांव-पांव वाले भैया के नाम से भी जाना जाता है| बात हो रही है प्रदेश में 18 साल तक राज करने वाले शिवराज सिंह चौहान की जो आज केन्द्र सरकार में पांचवें नंबर पर हैं| साल 2023 में जब हर राजनीतिक विश्लेषक यह कह रहे थे कि इस बार तो भाजपा की सरकार आना संभव नहीं है उस वक्त शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना जैसी योजना को लांच कर यह बता दिया कि मामा आखिरी सांस तक हार नहीं मानेगा| इतना ही नहीं नाराज कर्मचारी संगठनों की अलग-अलग पंचायत कर उन्हे साधने का काम किया गया| समाज के जितने भी वर्ग प्रदेश की भाजपा सरकार से नाराज नजर आ रहे थे उन सभी को चुनाव से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुलाया और समझाया कि भाजपा की सरकार से उन्हे किस प्रकार से फायदा होगा| जब चुनाव हुआ तो फैसला लिया गया कि इस बार कोई सीएम चेहरा नहीं होगा लेकिन इस बात से मामा हताश और निराश नहीं हुआ बल्कि वो पूरी क्षमता के साथ प्रदेश में चुनाव प्रचार में लगा रहा| और एक दिन वो भी आया जब भारतीय जनता पार्टी ने 163 सीटों में जीत दर्ज कर यह बता दिया कि मामा का जलवा कायम है| ये बात और है कि भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने डॉ. मोहन यादव के नाम को मुख्यमंत्री के तौर पर आगे बढ़ा दिया| इसके बाद फिर राजनीतिक विश्लेषकों ने तर्क दिया कि अब तो मामला का समय गया लेकिन जब लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन की बात आई तो फिर मामा ने अपना जलवा दिखाया और करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर अपने उम्मीदवारों को ना सिर्फ शामिल करा दिया बल्कि सभी को चुनाव जिताने में भी पूरा जोर लगा दिया| केन्द्र में जब मंत्रिमंडल के गठन की बारी आई तो लोग कयास लगाने लगे कि इस बार शिवराज सिंह चौहान को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा लेकिन जब शपथ हुई तो पचा चला कि मामा को पांचवें नंबर पर स्थान दिया गया है| यहां से सभी राजनीतिक विश्लेषकों की जुवान में ताला लग गया| केन्द्र में मंत्री बनने के बाद जब शिवराज सिंह चौहान शताब्दी एक्सप्रेस से भोपाल के लिए रवाना हुए तो उनके स्वागत के लिए हुजूम टूट पड़ा,ट्रेन में मामा के पाहुलैरिटी की बानगी देखने को मिली जब बच्चे,बूढ़े और जवान उनके साथ एक सेल्फी लेने के लिए लालाइत हो रहे थे लेकिन मामा ने किसी को निराश नहीं किया खास कर जितने बच्चे उनके पास पहुंचे सभी को उन्होने मामा वाला प्यार और स्नेह देते हुए अपना आशीर्वाद भी प्रदान किया| यूं ही कोई शिव जनता के दिल में राज नहीं करने लगता|

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