मध्य प्रदेश विधान चुनाव 2023: महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर नहीं बल्कि श्रीराम-हनुमान के सहारे लड़ा जाएगा चुनाव

2023 का विधानसभा भगवान राम और हनुमान के नाम पर लड़ा जाना है। यह बात तय हो चुकी है। प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने अपने इष्ट देवताओं को भी चुन लिया है। भारतीय जनता पार्टी भगवान राम के नाम पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस पार्टी उन्हीं के भक्त भगवान हनुमान के नाम पर जनता से वोट की अपील करेगी। 

Jan 30, 2023 - 21:59
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मध्य प्रदेश विधान चुनाव 2023: महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर नहीं बल्कि श्रीराम-हनुमान के सहारे लड़ा जाएगा चुनाव

भोपाल। 2023 का विधानसभा भगवान राम और हनुमान के नाम पर लड़ा जाना है। यह बात तय हो चुकी है। प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने अपने इष्ट देवताओं को भी चुन लिया है। भारतीय जनता पार्टी भगवान राम के नाम पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस पार्टी उन्हीं के भक्त भगवान हनुमान के नाम पर जनता से वोट की अपील करेगी। 

दरअसल 2018 में कांग्रेस पार्टी को भी इस बात का एहसास हो गया कि जब तक भगवान का सहारा नहीं लेंगे तब तक हमारी नैया पार नहीं होगी। यही कारण था कि 2018 विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नर्मदा यात्रा की तो कमलनाथ ने मंदिर-मंदिर घूम कर भगवान का आशीर्वाद लिया। इतना ही नहीं छिंदवाड़ा में कमलनाथ द्वारा बनवाई गई आदम कद भगवान हनुमान की प्रतिमा को भी सबसे आगे रखा गया। परिणाम स्वरुप 2018 में 15 साल बाद कांग्रेस पार्टी सत्ता में आसीन हुई। 

अयोध्या में जैसे ही भगवान राम का मंदिर प्रारंभ हुआ तभी से भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर भगवान राम के जयकारे लगाने शुरू कर दिए और गली-गली यही शोर है कि जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे। यानी भाजपा और कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकास के मुद्दे या फिर महंगाई के मुद्दे चुनाव में नहीं चलेंगे अगर कोई मुद्दा चलेगा तो भगवान राम और भगवान हनुमान का मुद्दा ही चलेगा। 

दिलचस्प बात यह भी है कि भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने तरीके से तैयारियां भी शुरू की है जिसमें भगवान राम और भगवान हनुमान को आगे ही रखा जा रहा है कमलनाथ को जिस प्रकार से उनके कार्यकर्ता भगवाधारी वस्त्र के साथ दिखा रहे हैं तो भारतीय जनता पार्टी पीएम मोदी की तस्वीर आगे रख कर मंदिर का प्रचार प्रसार करने में लग गई है। अब देखना यह दिलचस्प होगा की एक और मर्यादा पुरुषोत्तम राम है तो दूसरी ओर उन्हीं के परम भक्त और सेवक संकट मोचक हनुमान हैं अब जीत भगवान की होगी या भक्त की होगी यह तय प्रदेश की जनता को करना है।

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