विधायकी और प्रदेश महामंत्री पद के बीच संतुलन नहीं बना पा रहे भगवानदास सबनानी
भारतीय जनता पार्टी के निष्ठावान पदाधिकारी कहे जाने वाले भाजपा नेता भगवानदास सबनानी (bhagwandas sabnani) अब भोपाल की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा से विधायक बन गए हैं। यहां तो ठीक है लेकिन उनके पास पार्टी का प्रदेश महामंत्री का पद पहले से है जिसको वो पूरी निष्ठा से निभा रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन्हे विधायक बनने का भी मौका दिया जिसमें वो फतह हासिल करने में कामयाब रहे। लेकिन अब भगवानदास सबनानी प्रदेश महामंत्री और विधायक पद के बीच संतुलन बनाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। दक्षिण-पश्चिम का विधायक होने के नाते भगवानदास सबनानी के पास रोजाना सैकड़ों कार्यकर्ता अपना काम लेकर आते हैं लेकिन भगवानदास सबनानी पहले ही पार्टी के कामों में इतना ब्यस्त रहते हैं कि वो कार्यकर्ताओं को समय नहीं दे पाते हैं जिसके कारण दक्षिण-पश्चिम विधानसभा के पार्टी कार्यकर्ता और आम नागरिक खुद को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। हमेशा शांत और मुस्कुराते रहने वाले भगवानदास सबनानी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के काफी करीबी माने जाते हैं जिसके कारण कार्यकर्ता उनसे कुछ कहने का साहस भी नहीं जुटा पाते हैं। भगवानदास सबनानी इन दिनों चिड़चिड़े भी होने लगे हैं। पार्टी का काम और फिर विधायकी का काम दोनों एक ब्यक्ति पर आने के कारण ब्यस्तताएं बढ़ गई हैं। और यही उनके चिड़चिड़े होने का कारण भी बताया जा रहा है। इस बात में कोई सक नहीं कि भगवानदास सबनानी एक मेहनती वर्कर हैं लेकिन दूसरा पहलू ये भी है कि अब वो सिर्फ प्रदेश महामंत्री नहीं बल्कि दक्षिण-पश्चिम विधानसभा के जनप्रतिनिधि भी हैं और उस क्षेत्र की जनता के साथ कार्यकर्ताओं की कुछ जरुरतें होती हैं जिनको पूरा करना जनप्रतिनिधि का ही काम होता है। कई कार्यकर्ता तो बीजेपी कार्यालय में सबनानी से मिलने के दिन भर खड़े रहते हैं लेकिन उनकी मुलाकात सबनानी से नहीं हो पाती। और यही करण है कि भगवानदास सबनानी के दोनों पदों से संतुलन नहीं बना पाने के कारण स्थानीय जनता और कार्यकर्ताओं में निराशा और नाराजगी का माहौल बनने लगा है।

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