23 कमजोर कड़ियों को सुलझाने में जुटी बीजेपी,बूथ और शक्ति केन्द्र लिखेंगे जीत की पटकथा

मप्र में नौ लोकसभा सीटों पर सात मई को होने वाले मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना आखिरी दांव चलना शुरु कर दिया है| इन नौ लोकसभा सीटों को बारीकी से देखें तो इनमें 72 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें 23 विधानसभा सीटों में भाजपा को पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में हार मिली थी| लेकिन हमेशा की तरह अपनी कमियों पर काम करने वाली भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर हारी हुई सीटों पर फोकस कर रही है| Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार इन हारी सीटों पर हार के कारणों की समीक्षा कर भाजपा ने नए सिरे से जमावट की है| ग्वालियर-चंबल की इन सीटों को साधने के लिए पी. एम. मोदी ने मुरैना,सागर और बैतूल में जनसभाएं की हैं| वहीं राजगढ़ में अमित शाह सहित प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं ने सभाएं की हैं| सागर के सिरोंज में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सभा की है| इन 23 कमजोर कड़ियों को साधने के लिए भाजपा ने बूथ से लेकर शक्ति केन्द्रों तक पार्टी और संगठन के पदाधिकारियों को भी उतार दिया है| कई वरिष्ठ नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिला कर कांग्रेस को कमजोर करने का पूरा प्रयास किया गया है| भारतीय जनता पार्टी अब न सिर्फ हारी सीटों पर जीत की रणनीति पर काम कर रही है बल्कि वोटिंग प्रतिशत किस प्रकार से बढ़ाया जा सकता है उस विषय पर भी लगातार काम कर रही है| भाजपा की बैठकों में वोटिंग प्रतिशत को लेकर जो आंकड़े आए हैं वो भी चौकाने वाले हैं| दरअसल देश भर में एक माहौल बन गया है कि मोदी जी की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ फिर बनने वाली है जिसके कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में उदासीनता का माहौल बन गया और अब उसी माहौल को बदलने के लिए भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को फिर से री-चार्ज किया है और उन्हे साफ शब्दों में कहा है कि किसी मुगालते में आने के बजाय वो वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने पर पूरा ध्यान केन्द्रित करें|दूसरी तरफ भाजपा के कार्यकर्ता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी उकसाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे वो भी अपने हिस्से की मेहनत करें और वोटरों को घर से निकाल कर पोलिंग बूथों तक लेकर आएं|
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