मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा अब तक नहीं हुई पूरी,संविदा कर्मियों को नहीं मिला वेतन और सुविधा
भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में चार जुलाई को संविदा महापंचायत का आयोजन किया गया था (samvida mahapanchayat)। प्रदेश भर से हजारों की संख्या में संविदा कर्मी (samvida karmchari) भोपाल पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने संविदा कर्मियों के लिए बड़ी घोषणा की जिसमें सीएम शिवराज ने कहा कि संविदा कर्मियों को वेतन और सभी प्रकार की सुविधाएं नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर दिया जाएगा (samvida news)। सीएम की घोषणा से संविदा कर्मियों को जैसे संजीवनी मिल गई। लेकिन सीएम शिवराज द्वारा की गई घोषणा का पालन आज तक नहीं हुआ है। संविदा कर्मियों को लगा था कि वो जंग जीत गए हैं लेकिन हकीकत तो यही है कि जंग अभी तक बांकी है। क्योंकि नियमितीकरण की मांग कर रहे संविदा कर्मियों के बीच पहुंच कर सीएम शिवराज ने उन्हे नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर वेतन और सुविधाएं देने का ऐलान तो कर दिया लेकिन वो सिर्फ ऐलान ही बन कर रह गया है। अगले महीने अक्टूबर में चुनाव आचार संहिता लगने की उम्मीद है। कहा ये भी जा रहा है कि दस अक्टूबर के बाद कभी भी चुनाव आचार सहिंता लग सकती है। ऐसे में अगर सीएम की घोषणा को अधिकारी लागू नहीं कर पाए तो सीएम की घोषणा झूठी साबित पड़ जाएगी और लाखों की संख्या में अलग-अलग विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मियों का वोटबैंक भी भाजपा से छिटक जाएगा। Mukhabirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार सीएम ने घोषणा तो कर दी है लेकिन अब सरकार बजट की ब्यवस्था नहीं कर पा रही है। क्योंकि इस वक्त सरकार की नजर प्रदेश की आधी आवादी महिलाओं पर है। हर महीने लाड़ली बहना की किस्त देने में ही सरकार के पसीने छूट रहे हैं ऐसे में संविदा कर्मियों का वेतन बढ़ाना यानि सरकार के खजाने पर और बोझ बढ़ना है। सरकार पहले ही कर्ज लेकर लगातार घोषणाओं को पूरा कर रही है ऊपर से संविदा कर्मियों की मांग को पूरा करना सरकार के लिए टेढी खीर बनता जा रहा है। सीएम की घोषणा को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है इस बीच संविदा कर्मियों को दो सैलिरी मिल चुकी है। मतलब सीएम की घोषणा के बाद हर संविदा कर्मी को करीब 15 से 20 हजार रुपये का नुकसान हो चुका है। संविदा कर्मियों का इंतजार अब आक्रोश में तब्दील होता चला जा रहा है। संविदा कर्मियों के कुछ संगठनों से बात हुई तो उनका साफ कहना है कि इस महीने के 30 तारीख तक सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की तो सरकार के खिलाफ हल्लाबोल होगा और फैसला करके ही संविदा कर्मी लौटेंगे।

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