कांग्रेस के 'पेड' वर्करों के अति उत्साह ने डुबोई कांग्रेस की नैया
मप्र में जब विधानसभा चुनाव की उल्टी गीनती चल रही थी उसी वक्त कांग्रेस मीडिया विभाग का अति उत्साह पूरे शबाब पर था (congress mp) । उत्साह तो अच्छी बात है लेकिन अति उत्साह हमेशा बरबादी की ओर लेकर ही जाता है। पीसीसी चीफ कमल नाथ (kamal nath) को मीडिया विभाग को दुरुस्त करने के लिए भी एमपी से कोई और नहीं मिला उन्होने दिल्ली में काम करने वाले एक पत्रकार को समन्वयक बनाया। और कांग्रेस कार्यालय में मीडिया विभाग को दुरुस्त करने के लिए बैठा दिया। अब जब कमलनाथ ने किसी को बैठाया है तो अन्य प्रवक्ता उनकी जी हुजूरी में लग गए। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि जिन प्रवक्ताओं ने जी हुजूरी नहीं की उन प्रवक्ताओं को ठिकाने लगा लिया गया। बांकि बचे प्रवक्ताओं ने दिल्ली से आए पेड वर्कर के सामने घुटने टेक दिए। अब पेड वर्कर साहब को खुश करने के लिए कांग्रेस के प्रवक्ता कुछ न कुछ करते रहते। आलम यह रहा कि जितने प्रवक्ता थे वो सब पेड वर्कर के साथ पीसीसी चीफ कमलनाथ की खुसामदी करने में भी जुट गए आलम ये था कि अगर कोई पत्रकार कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के कमजोर पहलू पर बात करे तो उसे भाजपाई पत्रकार घोषित कर ब्लैक लिष्ट में डाल दिया जाता था और कहा जाता था कि हमारी सरकार आने दो उसके बाद इसको देख लिया जाएगा। दिल्ली से आए पेड वर्कर के अंडर में काम करने वाले प्रवक्ताओं का उत्साह इस सीमा पर पहुंच गया था कि वो पत्रकारों से सीधे मुंहु बात तक नहीं करते थे। आखिर ऐसा हो भी क्यों न। जब टीम का मुखिया आंख में पट्टी बांध ले तो फिर स्थिति में सुधार कैसे आएगा। कांग्रेस मीडिया विभाग पत्रकारों की लिष्ट बनाने में महगूल रहा और उसके ठीक उलट बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल बगैर किसी भेदभाव के सभी पत्रकारों का मान और सम्मान करने में जुटे रहे। स्थिति तो तब और बुरी लगती थी जब कांग्रेस के पेड वर्कर पीसीसी चीफ कमल नाथ को यह बताते थे कि कांग्रेस इस बार 180 सीटों से कम नहीं जीतेगी। और पीसीसी चीफ कमलनाथ जैसा मझा हुआ सियासी खिलाड़ी भी अपने पेड वर्कर की बात को माल लेते थे। कांग्रेस के मीडिया विभाग में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी कांग्रेस मीडिया विभाग भाजपा के मीडिया विभाग को टक्कर देने में नाकाम रहा। यहां तक कि कांग्रेस के प्रवक्ता ठीक तरीके से भाजपा के प्रवक्ताओं का सामना तक नहीं कर पाए। जबकि सत्ता धारी दल के खिलाफ कहने के लिए बहुत कुछ होता है लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ता पेड वर्कर की खुशामदी करने में इतने ब्यस्त रहे कि उन्हे पार्टी की बात जनता तक पहुंचाने का वक्त ही नहीं मिला। कुछ प्रवक्ताओं की स्तिति तो यहां तक देखने को मिली कि वो पेड वर्कर के पीछे-पीछे घूमते और उसका बैग उठाते उसके अलावा उनके पास अन्य कोई काम नहीं था (madhya pradesh election result)। ऐसे प्रवक्ताओं की लिष्ट भी Mukhbirmp.con जल्द ही जारी करेगा जो पार्टी का काम करने के बजाय बैग और टिफिन उठाने का काम करते थे।

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