बीमार 'अस्पताल की सर्जरी' में जुटे डॉ. मोहन यादव
प्रदेश के शासकीय अस्पतालों की स्थिति ठीक नहीं है। इस बात के सबूत आए दिन न्यूज चैनल और अखबारों में प्रकाशित होती रहती है। प्रदेश के सभी अस्पताल चिकित्सकों और सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं और मरीज परेशान हो रहे हैं। अब प्रदेश की कमान डॉ. मोहन यादव (mohan yadav) के हाथ है लिहाजा अब वो प्रदेश के शासकीय अस्पतालों की सर्जरी कर उन्हे एक बार फिर चलने योग्य बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं। यही कारण है कि 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री राजधानी के सबसे प्रमुख अस्पताल हमीदिया में औचक निरीक्षण पर निकले। यह बात और है कि यह निरीक्षण महज एक औपचारिकता मात्र निकला लेकिन इस दौरान मरीजों के परिजनों से मुख्यमंत्री मिले उन्हे गले लगा कर जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने उन्हें संवाल दिया वो जरुर काबिले तखरीफ है। सीएम बनने के बाद डॉ. मोहन यादव पहले कॉलेज गए उसके बाद उनका दौरा अस्पताल में हुआ उससे यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री बीमार पड़े अस्पताल और शिक्षा के मंदिरों का इलाज करने का मूड बना रहे हैं। डॉ. यादव इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री थे और नई शिक्षा नीति (new education policy) को सबसे पहले एमपी में लागू कर उन्होने रिकार्ड भी बनाया था।
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