कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी भंग होने के बाद भी कुछ लतमार कार्यालय छोड़ने के लिए नहीं हो रहे तैयार
मप्र प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग हुए कई दिन बीच चुके हैं लेकिन कांग्रेस के कुछ ऐसे पदाधिकारी हैं तो अपना अधिकार जमाते हुए अब भी प्रदेश कार्यालय में आ जाते हैं (congress working committee)। ऐसे पदाधिकारियों में एक तथाकथित पत्रकार और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का समन्वयक भी शामिल है। जिसके नेम प्लेट को भी तोड़ कर फेंक दिया गया लेकिन वो हैं कि अब भी कांग्रेस कार्यालय में अपना अधिकार जमाने के लिए आ जाते हैं। पूर्व अध्यक्ष की तरफ से इन्हे तीन लाख की सैलिरी पर रखा गया था और इनका काम था प्रवक्ताओं की जासूसी करना। इतने तक तो ठीक था लेकिन इन्होने पार्टी के सभी प्रवक्ताओं को अपना गुलाम समझ लिया था। अपनी धुन पर ये प्रवक्ताओं को नचाने का काम करने लगे थे। एक प्रवक्ता ने तो इनका ऐसे दामन थामा था कि वो उनका पल्लू ही नहीं छोड़ते थे। जो प्रवक्ता इनकी बात नहीं मानता था उसको स्क्रीन से बाहर कर दिया जाता था यानि कि उसको डिवेट नहीं दी जाती थी। दिल्ली से आए इन महाशय को बड़ा पत्रकार भी कहा जाता है मतगणना से पहले तक तो ये इतने आत्मविश्वास से भरे थे कि फोन लगा कर लोगों को धमकियां देने का काम करने लगे थे कि हमारी सरकार आ रही है हमारे हिसाब से ही काम करो नहीं तो ठिकाने लगा दिया जाएगा। इनका रुतवा इतना ज्यादा था कि कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष भी इनकी जी हुजूरी करने के लिए मजबूर थे। मतगणना के पहले तक ये कमलनाथ को कहते थे कि हुजूर हमारी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ बन रही है और करीब 180 सीटें लेकर कांग्रेस आ रही है। सुनने में आया है कि जब प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी भंग हुई तो इनके कक्ष में रखे नेम प्लेट को किसी कार्यकर्ता ने तोड़ कर फेंक दिया लेकिन ये इतने बेशर्म हैं कि जब तक नई कार्यकारिणी नहीं आ जाती तब तक तो वो कार्यालय आ ही सकते हैं।

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