जनआशीर्वाद यात्रा में भाजपा के ट्रंप कार्ड बने गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा
भारतीय जनता पार्टी की इस समय प्रदेश भर में जन आशीर्वाद यात्रा (Jan Ashirwad Yatra) चल रही है। इस यात्रा में भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश इकाई के सभी नेता अपने स्तर पर भूमिका निभा रहे हैं लेकिन इन सभी नेताओं में जिस प्रकार की भूमिका गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Dr. Narottam Mishra) निभा रहे हैं उससे स्पष्ट हो गया है कि नरोत्तम मिश्रा ना सिर्फ संकट मोचक की भूमिका में होते हैं बल्कि भाजपा के ट्रंप कार्ड भी नरोत्तम मिश्रा साबित हो रहे हैं। गिनती के लिए भाजपा में बहुत सारे ब्राम्हण नेता हैं लेकिन वो सारे नेता सरनेम के ब्राम्हण नेता साबित हुए हैं। वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की बात की जाए तो वो मन और कर्म दोनों से ब्राम्हण हैं। यह बात प्रदेश में किसी से छुपी नहीं हैं। हांलाकि उनका ब्योहार जिस स्तर का है तो हर वर्ग उनसे जुड़ा है और वो हर वर्ग को महत्व देते हैं लेकिन हर समाज का ब्यक्ति अपने समाज के किसी ब्यक्ति को ही अपना नेता मानता है यही कारण है कि सवर्ण बाहुल विंध्य में डॉ. नरोत्तम मिश्रा की लोकप्रियता को देखते हुए उनकी ड्यूटी लगाई गई और अब ग्वालियर-चंबल में भी गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को जनता का आशीर्वाद लेने के लिए मैदान में उतार दिया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि गृह मंत्री की भाजपा में किस प्रकार की स्वीकार्यता है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा ना सिर्फ सदन के अंदर विपक्षी दलों को करारा जवाब देने में माहिर माने जाते हैं बल्कि चुनावी मैदान में वो एक बब्बर शेर की तरह हो जाते हैं। जिनको पार्टी कठिन लक्ष्य देती है और वो हर लक्ष्य को आसानी से हासिल भी कर लेते हैं। रविवार को गृह मंत्री भिंड जिले में जनआशीर्वाद यात्रा में निकले जहां स्थानीय जनता ने उनका जमकर समर्थन किया। सबसे बड़ी बात यह है कि जनता उनके पास अपनी आस्था के अनुरुप हार लेकर आती है तो वो खुद अपना सम्मान कराने के बजाय जनता का ही सम्मान करने लगते हैं। उनकी यही सहजता और सरलता उनको अन्य नेताओं से अलग बना देती है।

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