धर्म से बात न बने तो जातियों को अलग कर सत्ता तक पहुंचा जा सकता है,ऐसा सोचते हैं कांग्रेस के कार्यकर्ता
मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी भाजपा और कांग्रेस में इन दिनों जनता के दिल तक उतरने के लिए मुद्दों की तलाश है। भाजपा का स्टैंड तो क्लियर है राम मंदिर और हिंदुत्व लेकिन कांग्रेस अब तक अपना चुनावी एजेंडा तय नहीं कर पाई कि चुनाव में जाकर वो भाजपा का काउंटर कैसे करेगी। ऐसे में शुक्रवार को कांग्रेस का एक कार्यकर्ता पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (jitu patwari) के पास टिकट की चाहत लिए पहुंचता है। जीतू पटवारी कहते हैं कि युवा वर्ग चुनाव लड़ने का इच्छुक है अच्छी बात है लेकिन चुनावी समर में जब उतरोगे तो भाजपा के बड़े मुद्दों का काउंटर कैसे करोगे। ऐसे में कांग्रेस के कार्यकर्ता का जवाब आता है कि भाजपा धर्म की और भगवा की बात करती है जो जनता को पसंद आती है। इसकी काट यही है कि हम लगातार जातियों की बात करें। जाति आधारित जनगणना की बात करे। अलग-अलग वर्गों के पास जाएं बार-बार उनके पिछड़े होने का अहसास दिलाएं और बताएं की जातियों की जनगणना होने से सभी जातियों की संख्या क्लियर हो जाएगी और उससे विकास के नए दरवाजे खुलेंगे। मतलब साफ है कि कांग्रेस के पास भाजपा का काउंटर करने के लिए कुछ नहीं बचा तो डिवाइड एंड रुल की पॉलिसी पर कांग्रेस काम करने लगी मतलब फूट डालो और शासन करो की रणनीति पर कगंग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है। राहुल गांधी भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान हर जगह अपने संबोधन में जाति आधारित जनगणना कराने की बात करते हैं। सत्ता पाने के लिए जब धर्म का मुद्दा काम नहीं आया तो कांग्रेस ने जातियों का सहारा लेना शुरु कर दिया है।

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