जीत कर भी हारे कमलनाथ,अब राजनीति से सन्यास लेने की तैयारी,बेटे को बीजेपी में सेट करने की मजबूरी
कई बार खेल में जीतते जीतते भी टीमें हार जाती हैं। और ठीक उसी प्रकार राजनीति में भी देखने को मिलता है। ताजा उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamal nath) का है जिनकी बीजेपी में बात हो ग ई लेकिन अंत में बीजेपी के कुछ नेताओं ने कमलनाथ को लेकर विरोध कर दिया जिसके चलते कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ (nakul nath) की बीजेपी में ज्वाइनिंग पर सस्पेंश बन गया है।दरअसल भाजपा के नेताओं का मानना है कि सिक्ख दंगे के मुख्य आरोपी कमलनाथ थे और अभी तक भारतीय जनता पार्टी के नेता कमलनाथ पर सिक्ख दंगे को लेकर लगातार टिप्पड़ी करते रहे हैं ऐसे में कमलनाथ भाजपा ज्वाइन करते हैं तो पार्टी को दिक्कत हो सकती है। हांलाकि भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान कमलनाथ की बात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से हुई थी और यही कारण था कि कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली गए थे लेकिन वहां पर ठीक से बात नहीं बन पाई। अब माना जा रहा है कि अगले कुछ समय में कमलनाथ फिर भाजपा नेताओं से बात करेंगे और भाजपा में भी कमलनाथ को लेकर आपसी सहमति बनाई जाएगी। माना जा रहा है कि कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को भाजपा में ज्वाइनिंग कराई जाएगी और कमलनाथ राजनीति से दूरी बना लेंगे। हांलाकि नकुलनाथ के बीजेपी में शामिल होने से पहले शर्ते भी हैं जिन्हे पूरा करना कमलनाथ के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। भाजपा की शर्त है कि नकुलनाथ के साथ कमसे कम 20 विधायक भाजपा में शामिल होने चाहिए। कमलनाथ के साथ कुछ विधायक भाजपा ज्वाइन करने के लिए तो तैयार हैं लेकिन उनकी संख्या 20 तक नहीं पहुंच रही है। इधर कांग्रेस पार्टी को भी जबसे इसकी जानकारी हुई है तभी से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी विधायकों की घेराबंदी करने में जुट गए हैं। जोड़ तोड़ की राजनीति अगले कुछ समय पर पूरे शबाब में पहुंचने वाली है। आने वाले कुछ समय में कांग्रेस और भाजपा में काफी बदलाव देखने को मिलने वाले हैं।

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