कांग्रेस में उम्मीदवारों का अकाल,पूछ रही सवाल क्या गारंटी है टिकट मिला तो आप अंत तक टिके रहेंगे
कांग्रेस पार्टी जिन नेताओं पर दांव लगाने का सोचती है वही नेता भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लेते हैं। मंगलवार को कांग्रेस के दस नामों की जारी सूची में स्पष्ट नजर आया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के पास आज उम्मीदवारों का अकाल पड़ चुका है (congress lok sabha candidate list) । कांग्रेस पार्टी ने दस उम्मीदवारों में तीन वर्तमान विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा है उससे यह तस्वीर साफ हो गई कि कांग्रेस में उम्मीदवारों का अकाल पड़ गया है। हार के डर से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह,विवेक तन्खा सहित कई नेताओं ने चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया है। ऊपर से कांग्रेस जिन नेताओं पर दांव लगाने का सोचती है वही नेता अगले दिन भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लेते हैं। इसी प्रकार कांग्रेस नेत्रृत्व ने जबलपुर महापौर जगत बहादुर सिंह और सागर से अरुणोदय को भी लोकसभा में उतारने की रणनीति बनाई थी लेकिन इन दोनों नेताओं ने ऐन मौके पर कांग्रेस का हाथ छोड़ फूल का दामन थाम लिया। दिल्ली में जब कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक हुई तो सबसे पहले यही सवाल उठा कि जिन नेताओं को वो टिकट देंगे उनकी मैदान में टिके रहने की क्या गारंटी है। पिछले एक हफ्ते से कांग्रेस का केन्द्रीय नेत्रृत्व लगातार अपने नेताओं को फोन करके सवाल कर रहा है कि चुनाव लड़ने की इच्छा है क्या? और अगर पार्टी आपको टिकट देती है तो क्या आप चुनाव मैदान में डटे रहेंगे। इस प्रकार के कई सवाल कांग्रेस नेत्रृत्व द्वारा संभावित दावेदारों से किए जा रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी की ज्वाइनिंग कमेटी के संयोजक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की कमर तोड़ने का पूरी तरह से मन बना लिया है। वो लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराते जा रहे हैं इसी लिए पूरी कांग्रेस में खलबली मची हुई है। कांग्रेस पार्टी में बचे खुचे नेताओं को सक की नजर से देखा जा रहा है। कोई भी नेता एक दूसरे पर विश्वास नहीं कर रहा है।

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