आसमान में मंत्रिमंडल के बादल घुमड़ने वाले हैं और मंत्रियों के नाम ओले की तरह झड़ने वाले हैं...
13 दिसंबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव (mohan yadav) के साथ दो डिप्टी सीएम ने शपथ ले ली। उसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा (mp cabinet) लेकिन हफ्ते भर बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए। दो दिवसीय दिल्ली दौरा किया नड्डा,अमित शाह और मोदी से मिले लेकिन संतुलित मंत्रिमंडल की सूची को अव अब तक तैयार नहीं कर पाए हैं। वहीं एमपी की बात करें तो लोगों के सब्र का बांध फूट रहा है। वाट्सेप ग्रुपों में अलग-अलग सूचियां वायरल हो रही हैं मानो मीडिया कर्मियों को मोहन यादव ने पहले ही सूचित कर दिया है कि वो किसको मंत्रिमंडल में शामिल कर रहे हैं। जबकि सच्चाई तो यही है कि अभी तक उनको खुद भी नहीं मालूम है कि उनके मंत्रिमंडल में कौन-कौन शामिल होने वाला है। स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि आसमान में मंत्रियों को लेकर बादल घुमड़ने लडे हैं और मंत्रियों के नाम पर ओलों की बारिश होने वाली है। फिलहाल तो सबकुछ कयासों पर ही चल रहा है। अब तो बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित चुप होकर बैठ गए हैं लेकिन कुछ छुटभैया पत्रकार इन दिनों भोपाल में ज्यादा सक्रिय हो गए हैं जो बरसात के मेढक की तरह अलग-अलग सीजनों में दिखाई पड़ते हैं सरकार बनाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। आजकल उन्ही छुटभैया पत्रकारों का हर तरफ जलजला भी देखने को मिलता है। सम्मान के साथ हर वो चीज उनको उपलब्ध हो जाती है जो इंसान को जरुरी होती है। तो फिलहाल ऐसे छुटभैया पत्रकारों की न्यूजों से बच कर रहिए।

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