दक्षिण-पश्चिम की 108 V/S 'भगवान' की लड़ाई,सतह पर आई
भारतीय जनता पार्टी ने पांचवी सूची में 92 वे उम्मीदवारों की घोषणा कर अब तक 228 सीटों में अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है (bjp candidate list)। इस सूची में भोपाल की दक्षिण -पश्चिम विधानसभा सीट भी शामिल है। इस सीट के इतिहास पर जाएं तो इस सीट से जिस पार्टी का विधायक जीता है उसी की प्रदेश में सरकार बनी है। पहले इस सीट से पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता (Umashankar Gupta) जीता करते थे लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) ने जीत दर्ज की और प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस सरकार की वापसी हुई। पीसी शर्मा उन नेताओं में शुमार किए जाते हैं जो 24 घंटे अपने क्षेत्र की जनता के लिए उपलब्ध रहते हैं। 2019 में गणेश चतुर्थी के दौरान एक घटना खटलापुरा में हुई थी जहां गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान कई बच्चे तालाब में डूब गए थे। रात के करीब दो बजे थे पीसी शर्मा जी को कहीं से घटना की जानकारी हुई,उस वक्त उनके पास ड्राइवर तक नहीं था लेकिन पीसी शर्मा ने सबकुछ परवाह किए बगैर घटना स्थल पर पहुंचे और अपनी तरफ से यथासंभव मदद की। उसके बाद कोरोनाकाल का दौर आया जब ना सिर्फ दक्षिण-पश्चिम विधानसभा (Bhopal Dakshin Paschim) बल्कि भोपाल की अलग-अलग विधानसभा सीटों की जनता राशन से लेकर उपचार तक के लिए परेशान होकर भटक रही थी उस दौरान भी पीसी शर्मा के दरवाजे लगातार जनता की मदद के लाए खुले रहे। पीसी शर्मा जनता की भलाई के लिए ना सिर्फ शारीरिक अथवा आर्थिक रुप से मदद करने के लिए तैयार रहते हैं बल्कि उनके क्षेत्र की जनता खुशहाल और समृद्ध रहे उसके लिए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सावन के महीने में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन कराया लगातार पार्थिव शिवलिंग का भी निर्माण कराया,हाल ही में जब भाजपा और कांग्रेस के नेता टिकट के लिए अपने हाई कमान के पास चक्कर काट रहे थे उस दौरान पीसी शर्मा शास्त्री नगर में तीन दिवसीय भागवत कथा का आयोजन कर रहे थे। पीसी शर्मा हमेशा कहते हैं कि वो दक्षिण-पश्चिम विधानसभा में आने वालों को वोटर नहीं बल्कि अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। चुनाव वो पद अथवा प्रतिष्ठा के लिए नहीं लड़ते बल्कि जनता की सेवा के लिए वो चुनाव लड़ते हैं जिससे वो अपने क्षेत्र के जनता की पूरी शक्ति के साथ सेवा कर सकें।
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