चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को चाहिए 75 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट,भाजपा के लिए आसान
क्रिकेट की तरह ही सियासत की पिच पर भी स्ट्राइक रेट का काफी महत्व होता है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों (2008, 2013 और 2018) के आंकड़े देखें तों 'स्ट्राइक रेट' में कांग्रेस भाजपा से पीछे है (madhya pradesh elections)। हम बात कर रहे हैं पिछले तीन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के लिहाज से सबसे मजबूत ( तीन में से तीन जीत) सीटों के बारे में। बड़े दिलचश्प हैं ये आंकड़े। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 74 सीटें ऐसी हैं,जिन पर कांग्रेस ने पिछले तीनों चुनाव में जीत दर्ज नहीं की है। वहीं भाजपा के लिए ऐसी सीटों की संख्या केवल 11 है। दूसरी ओर पिछले तीनों चुनावों में जीती जाने वाली भाजपा के सीटों की संख्या 58 है,जबकि कांग्रेस के खाते में ऐसी सिर्फ 10 सीटें हैं। इसे दूसरे अर्थों में यूं कहा जा सकता है कि कांग्रेस को इस बार सत्ता में आना है, तो 230 नहीं बल्कि 156 (230-74) सीटों में से बहुमत का आंकड़ा 116 छूना होगा। मतलब करीब 75 प्रतिशत स्ट्राइक रेट कांग्रेस को चाहिए होगा। भाजपा के लिए यह समीकरण थोड़ा आसान है। कुल सीटों मे से उसकी कमजोर 11 सीटें हटा दें, तो 219 सीटें रहती हैं, जिनमें 116 पर जीत दर्ज करने पर सरकार बनेगी। वनडे क्रिकेट में स्लाग ओवर्स मतलब आखिरी के ओवर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की आवश्यकता होती है। कुछ ऐसा ही कांग्रेस को उन 61 सीटों पर करना होगा। जहां जहां पिछले तीन चुनावों के आंकड़े के अनुसार परिणाम कुछ भी हो सकता है। 2018 में कांग्रेस इनमें से 41 सीट जीती थी और सत्ता पर आई थी। जबकि भाजपा को सिर्फ 20 पर ही संतोष करना पड़ा था। इस बार भी ये सीट कांग्रेस की झोली में जाती है तो परिणाम कुछ भी हो सकते हैं।

What's Your Reaction?






