आग इधर भी है आग उधर भी है,अब देखना है इस आग में घी कौन डालता है
सियासी आग इस वक्त प्रदेश में इस कदर जल रही है कि उसकी लपटें प्रदेश के हर कोने में जल रही हैं और धुंआ चारों ओर फैला हुआ है (MP elections)। दरअसल मतदान की तारीख जितनी करीब आती चली जा रही है चुनाव का नशा और उसकी खुमारी उसी प्रकार बढ़ती चली जा रही है। जिन वर्तमान विधायकों का टिकट कटा वो हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। और जिन्हे टिकट मिला उन्हे भाजपा और कांग्रेस अपना बेस्ट आप्शन मान कर चल रहे हैं। अब बात करते हैं उम्मीदवारों के चयन और सरकार के रास्ते का। कांग्रेस ने पहली सूची में 144 नामों की घोषणा की जिसमें कांग्रेस यह मान कर चल रही है कि उसमें पार्टी को कमसे कम 120 सीटें मिलेंगी (congress candidate list)। दूसरी सूची 88 नामों की आई जिसमें कांग्रेस यह मान कर चल रही है कि उसके खाते में 30 विधायक आएंगे। कुल मिला कर कांग्रेस का यह मानना है कि उसके 150 विधायक आएंगे। कांग्रेस के कुछ नेताओं का यह मानना है कि 150 विधायक आएंगे तो भाजपा खरीद फरोख्त नहीं कर पाएगी,इसी लिए कांग्रेस पार्टी 150 से अधिक विधायकों का लक्ष्य लेकर चल रही है। कांग्रेस की जिस प्रकार 2020 में सरकार गिरी उसके बाद कांग्रेसी खेमें में विश्वास की कमी आई और यही कारण है कि कांग्रेस नेता चाहते हैं कि माहौल का फायदा उठाया जाना चाहिए और कमसे कम 150 विधायकों की जीत होनी चाहिए। वहीं भारतीय जनता पार्टी है कि वो सत्ता को अपने हाथ से जाने नही देना चाहती है। जिसके चलते आलम ये है कि भाजपा अभी भी 94वे उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पाई है (bjp candidate list)। भाजपा के नेताओं का मानना है कि गिरी हालत में उसके 120 से 130 विधायक जीत कर आएंगे। मतलब साफ है कि भाजपा किसी भी सूरत में सत्ता को छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही है।

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