जगह-जगह घूम रहा हाथी,पंजे और फूल से मुकाबला करने कई दावेदार हाथी पर हुए सवार
मप्र के विधानसभा चुनाल में एकबार फिर हाथी जमकर घूम रहा है (bsp mp)। साल 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार हाथी अच्छी खुराग लेकर निकला है। यूपी से लगे क्षेत्रों में हाथी, पंजे और कमल को टक्कर देने के लिए लगातार फुफकार रहा है। भाजपा (mp bjp) और कांग्रेस (mp congress) के कई बागियों ने बसपा का दामन थामा और उन्हे 24 घंटे के अंदर बसपा की ओर से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया गया है। यह बागी ऐसे हैं कि इनका वोटबैंक भाजपा और कांग्रेस का ही है और ये नुकसान भी भाजपा और कांग्रेस को ही पहुंचाएंगे। साल 2018 में करीब एक दर्जन ऐसी सीटें थी जहां पर बसपा के उम्मीदवारों ने दस हजार से ज्यादा का वोट हासिल कर भाजपा और कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया था यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बहुमत से दूर रह गई थी। बाद में कमलनाथ ने निर्दलीयों,सपा और बसपा के विधायकों को अपने साथ मिला कर प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की थी। इस विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से बसपा ने कुछ मजबूत उम्मीदवारों पर दांव लगाया है उससे ऐसी स्थिति स्पष्ट हो रही है कि तीन दिसंबर के बाद एमपी में एक बार फिर हाथी दौड़ लगाएगा। कुछ भाजपा के तो कुछ कांग्रेस के नाराज नेता इस बार बसपा से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे हैं और उनमें कुछ ऐसे उम्मीदवार भी हैं जो चुनाव जीत भी सकते हैं पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के खाते में दो सीट आई थी लेकिन हालिया स्थिति की बात करें तो इस चुनाव में बसपा के खाते में ज्यादा सीटें आती दिख रही हैं। बसपा ने कुछ सीटों पर ब्राम्हण तो कुछ सीटों पर ठाकुरों को मौका दिया है जो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं।

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