खुद की उपेक्षाओं से आहत कांग्रेस मीडिया विभाग की पूर्व अध्यक्ष थाम सकती हैं भाजपा का दामन
कांग्रेस मीडिया विभाग की बात निराली है। किसी जमाने में कांग्रेस का पूरा मीडिया विभाग और जनसंपर्क चलाने वाली कांग्रेस नेत्री इन दिनों खुद की उपेक्षाओं से काफी आहत नजर आ रही हैं। खुद की क्षमता साबित करने के लिए उन्होने भोपाल से दिल्ली तक सफर किया लेकिन नतीजा शिफर ही रहा। एक दौर हुआ करता था जब वो कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता हुआ करती थीं उनकी इसी काबिलियत को देखते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने उन्हे साल 2018 में कांग्रेस मीडिया विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया था उसके बाद तो उन्होने जो किया वो सारी मीडिया को पता है साथ में कांग्रेस मीडिया विभाग का हर प्रवक्ता उनसे खार खाए बैठा है। कुछ प्रवक्ता बस मुंह नहीं खोल पा रहे हैं कि कहीं वक्त फिर ना बदल जाए। इस वक्त कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा हैं उन पर सीधे कमलनाथ के एक सिपेसालार का हाथ है यही कारण है कि वो मीडिया विभाग में अपनी चला रहे हैं लेकिन पीसीसी चीफ कमलनाथ की ओर से तैनात सिपेसालार से वो हमेशा सजग रहते हैं जब तक वो कांग्रेस कार्यालय में रहते हैं तब तक मिश्रा जी उनके इर्द-गिर्द मौजूद रहने का कोई ना कोई बहाना बनाए रहते हैं। एक और बात देखने को मिली कि कांग्रेस मीडिया विभाग में अब तक सारी नियुक्तियां प्रदेश अध्यक्ष करते थे लेकिन हाल में एक पत्र एआईसीसी मीडिया विभाग से जारी हुआ इसमें यशोमति ठाकुर,अनंत पटेल,अभय दुबे और अनुमा आचार्य को मीडिया समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है। अब फिर से बात करते हैं कांग्रेस के उन नेत्री की जो खुद को उपेक्षित महसूस कर अब दूसरे विकल्प की तलाश में चल रही हैं। पता चला है कि वो केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपर्क में हैं। करीब महीने भर पहले उन्होने ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात भी की थी। उस वक्त बात नहीं बन पाई थी क्योंकि वो चाहती हैं कि जब भाजपा में आएं तो उकी एंट्री जोरदार तरीके से होनी चाहिए और उनको पद भी मिलना चाहिए लेकिन भाजपा तो एक कैडर वेस पार्टी है भाजपा में किसी की ज्वाइनिंग होती है तो उसके पहले सभी प्रकार के समीकरण देखे जाते हैं कि किसको ज्वाइन कराने से पार्टी को क्या लाभ होगा। लेकिन पता चला है कि अब बात बनने वाली है और भाजपा के कुछ नेताओं ने मामले में सहमति दे दी है उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में ज्वाइनिंग कराई जाएगी।

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