25 दिसंबर को होगा मप्र सरकार के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह
मप्र में 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी लेकिन मंत्रियों को शपथ नहीं दिलाई गई (madhya pradesh cabinet)। मंत्रियों को शपथ नहीं दिलाने के पीछे अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। भाजपा इस बार के मंत्रिमंडल में कुछ अलग प्रयोग करने की योजना तैयार कर रही है (mp cabinet)। नए चेहरों को भाजपा इस बार के मंत्रिमंडल में मौका देकर पीढ़ी परिवर्तन की तैयारी कर रही है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीन बार मंत्री बन चुके नेताओं के इस खाली बैठने की उम्मीद जताई जा रही है। जो विधायक दूसरी अथवा तीसरी बार लगातार चुनाव जीत कर आए हैं और उन्हे अब तक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है ऐसे नेताओं पर भाजपा का फोकस ज्यादा है। इसके अलावा क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को भी भाजपा ज्यादा महत्व दे रही है। गौरतलब है कि साल 2020 में जब भाजपा की सरकार बनी थी जब क्षेत्रीय और जातीय समीकरण बिगड़ गया था जिसके कारण अलग-अलग क्षेत्रों में काफी असंतोष भी देखने को मिला। हांलाकि भाजपा संगठन की तरफ से भरपाई कर कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया था लेकिन इस बार की परिस्थितियां अलग हैं। केन्द्रीय नेत्रृत्व चाहता है कि सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिले और सभी वर्गों को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिले जिससे किसी प्रकार के असंतोष के लिए जगह न बचे। दरअसल साल 2024 में लोकसभा चुनाव होना है और भारतीय जनता पार्टी इस बार एमपी की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने की योजना बना रही है यही कारण है कि भाजपा सभी क्षेत्रों और सभी जातियों को लेकर चलने का मास्टर प्लान तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा को छोड़कर प्रदेश के सभी संसदीय क्षेत्रों से एक मंत्री बनाया जाएगा। छिंदवाड़ा से भाजपा का एक भी विधायक नहीं है इसलिए वहां कि जनता को एक भी मंत्री नहीं मिल पाएगा। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार 25 दिसंबर को मंत्रियों को शपथ दिलाने की योजना तैयार की गई है। तब तक भाजपा का केन्द्रीय नेत्रित्व वरिष्ठ नेताओं को एक-एक कर दिल्ली बुला रहा है और उन्हे बता रहा है कि इस बार आपको मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा,आपके लिए पार्टी ने अलग भूमिका तैयार कर रखी है।
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