रीवा की चार सीटों में भाजपा की दो में स्थिति खराब,केपी और पंचू पर फिर लगेगा दांव
भारतीय जनता पार्टी अब तक 136 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है, बांकी 94 वे नामों को लेकर भाजपा में अब भी मंथन लगातार जारी है (BJP Candidate list)। लेकिन इस खबर में बात करेंगे रीवा की उन चार सीटों की जिनमें भाजपा अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है (MP Elections)। रीवा शहर से भाजपा ने अपने मजबूत और कद्दावर नेता राजेन्द्र शुक्ला (Rajendra Shukla) को चुनाव मैदान में उतारा है,चुनाव जीतना उनके लिए आसान नहीं है लेकिन वो अंत में चुनाव जीत लेंगे। अब बात करते हैं देवतालाव विधानसभा की जहां विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम (Girish Gautam) पिछले तीन बार से विधायक हैं साल 2018 में गिरीश गौतम चुनाव हारते-हारते बचे,उनके सियासी कद का उस वक्त और खुलासा हुआ जब जनपद पंचायत के चुनाव में उनका बेटा चुनाव हार गया,और गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए अपने बेटे को चुनाव नहीं जिता पाए। इस बार के चुनाव में गिरीश गौतम का भारी विरोध है,यह सीट कुर्मी बाहुल सीट है माना जा रहा है कि कांग्रेस ने भी इस सीट से ब्राम्हण को उम्मीदवार बनाती है तो फिर बीएसपी इस सीट पर जीत दर्ज कर लेगी। मऊगंज की बात करें तो यहां से प्रदीप पटेल (Pradeep Patel) को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है,सिटिंग एमएलए होने के नाते भाजपा ने फिर प्रदीप पटेल पर विश्वास जताया है लेकिन उन पर कई आरोप हैं, तुलसी के पौधे पर पेशाब करना, रामायण जलाने जैसे संगीन आरोप प्रदीप पटेल पर लगाए जाते रहे हैं। दो दिन पहले प्रदीप पटेल के विरोध में सैकड़ों कार्यकर्ता मऊगंज से भोपाल बीजेपी प्रदेश कार्यालय आए थे उस दौरान उन्होने जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि कहा कि अगर प्रदीप पटेल को नहीं बदला जाता है तो सभी लोग कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देंगे। अब बात करेंगे सेमरिया और मनगंवा की,Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार सेमरिया से केपी त्रिपाठी का टिकट लगभग तय है,और उनको जिताने की जिम्मेदारी राजेन्द्र शुक्ला की होगी वहीं मनगंवा से पंचूलाल (Panchu Lal Prajapati) को फिर मौका दिया जा सकता है,जिन्हे जिताने का जिम्मा गिरीश गौतम ने लिया है,फिलहाल त्योंथर और गुढ़ को लेकर बीजेपी में अब भी संशय है।

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