'दिग्विजय' के किले पर नरोत्तम मिश्रा की 'सेंधमारी' भरी जीत की हुंकार
राजगढ़ लोकसभा (rajgarh constituency) का चुनाव अब दिलचश्प हो चला है। दरअसल चुनाव के दिलचश्प होने का कारण दो राजनीतिक महारथियों के आमने-सामने होने के कारण हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (digvijaya singh) राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा की तरफ से राजनीति के खिलाड़ी डॉ. नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) को भाजपा उम्मीदवार को जिताने का जिम्मा सौंप दिया गया है। अभी तक माना जा रहा था कि राजगढ़ में दिग्विजय सिंह आसानी के साथ चुनाव में जीत दर्ज कर लेंगे और भाजपा के सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने के मंसूबों पर पानी फिर सकता है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सबसे भरोसेमंद नेता को राजगढ़ चुनाव की कमान सौंप दी है जिनकी जिंदगी में हार जैसा शब्द नहीं है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा पूर्व प्रधानमंत्री अटलविहारी वाजपेयी की उस कविता को ध्येय वाक्य मानते हैं जिसमें उन्होने कहा था 'हार नहीं मानूंगा,रार नहीं ठानुंगा' इसी कविता को ध्येय वाक्य मानते हुए पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को राजगढ़ में जीत की हुंकार भरते हुए दिग्विजय सिंह के किले पर सेंधमारी का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो जब भी भाजपा ने पूर्व गृह मंत्री को जब कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है तब-तब उन्होने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के विश्वास पर खरा उतर कर पार्टी की झोली में जीत डाली है। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में हार की हताशा घर कर रही थी लेकिन डॉ. नरोत्तम मिश्रा की एक सभा ने मानों भाजपा कार्यकर्ताओं को संजीवनी देने का काम किया हो। जिस प्रकार से पूर्व गृह मंत्री ने राजगढ़ में सभा के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है उसके बाद भाजपा के कार्यकर्ता एक नए जोश और उत्साह के साथ चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं। यूं ही डॉ. नरोत्तम मिश्रा को पार्टी का 'संकट मोचक' नहीं कहा जाता है। पार्टी को जब भी विषम परिस्थिति दिखती है तो पूर्व गृह मंत्री को वहीं पर खड़ा कर दिया जाता है जो अपने चिर परिचित अंदाज में जनता का मन बदल कर पूरा माहौल भाजपा के पक्ष में करने की महारत रखते हैं।
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