गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की रणनीति के आगे क्लीन बोल्ड हुए कमलनाथ
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को एमपी की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है और इसकी बानगी उस वक्त को देखने को मिली जब पूर्व विधायक अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा को गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भाजपा की सदस्यता दिला दी। अभय मिश्रा रीवा के सेमरिया से विधायक रह चुके हैं और साल 2018 में भाजपा का दामन छोड़ कर कांग्रेस से राजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ चुनाव लड़े थे। भारतीय जनता पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में सेमरिया विधानसभा सीट से भाजपा को हार का सामना करना पड़ रहा था वहां वर्तमान में केपी त्रिपाठी विधायक हैं और उनसे स्थानीय जनता काफी नाराज है उसी का लाभ उठाते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अभय मिश्रा को सेमरिया से टिकट देने का ऐलान कर दिया था। लेकिन ऐन मौके पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऐसी गुगली फेंकी कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एकसाथ क्लीन बोल्ड हो गए। गृह मत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भाजपा की ओर से ब्राम्हण चेहरा माना जाता है और विंध्य वो काफी लोकप्रिय हैं। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा रीवा के प्रभारी रहे हैं इस दौरान वहां की स्थानीय जनता से उनके करीबी संबंध रहे हैं यही कारण है कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा को विंध्य की जनता ब्राम्हण चेहरे के रुप में देखती है। भारतीय जनता पार्टी ने भी गृह मंत्री की लोकप्रियता को देखते हुए ब्राम्हण के रुप में उनके चेहरे को इस्तेमाल करने की योजना तैयार कर ली है। पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारी का गृह मंत्री हमेशा पालन करते हैं और यही कारण है कि सरकार बनाने से लेकर हर फैसले में डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका रहती है। इस चुनाव मे माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से डॉ. नरोत्तम मिश्रा भाजपा के ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। जहां भी ब्राम्हण चेहरे को उतारने की अथवा डैमेज कंट्रोल करने की जरुरत होती है वहां पर संगठन और सरकार की ओर से डॉ. नरोत्तम मिश्रा को आगे कर दिया जाता है। इसी कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष का भी नाम आता है और वो भी विंध्य की तासीर से काफी परिचित हैं क्योंकि उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि विंध्य से ही शुरु हुई थी यही कारण है कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की भी विंध्य में स्वीकार्यता है। Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के कई ऐसे नेता गृह मंत्री के संपर्क में हैं जो आने वाले समय में बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी अपने कुनवे को संभालने में लगी रहेगी और भारतीय जनता पार्टी अपनी चुनावी तैयारियों को परवान चढ़ाने में लगी रहेगी। भाजपा के प्लान के मुताबिक कांग्रेस को चुनावी तैयारियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलना चाहिए इसी लिए इस प्रकार की रणनीति भारतीय जनता पार्टी ने अपनाई है।

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