भोज परीक्षाओं में खुलेआम फर्जीवाड़ा, प्रायोगिक परीक्षा में डमी कैंडिडेट को किया जा रहा शामिल
अनूपपुर (anuppur) के जैतहरी शासकीय महाविद्यालय में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। Mukhbrimp.com को मिली जानकारी के अनुसार जैतहरी शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर रमेश कुमार वाटे हों या फिर कंपयूटर आपरेटर अशोक राठौर हों अभी तक यह पता था कि इन दोनों कि जुगल बंदी बड़ी जोरों शोरों से चलती थी ,लेकिन खबरों के प्रकाशन के बाद जैतहरी शासकीय महाविद्यालय में भोज मुक्त परीक्षाओं में एक और महाशय का भी नाम सामने आ गया है ,जिनका नाम है जितेंद्र सिंह धुर्वे यह भी जैतहरी शासकीय महाविद्यालय में वसूली करने में बड़ी जोर लगे हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि जितेंद्र सिंह धुर्वे भी बड़े किरदार में रहते हैं इनका साफ कहना रहता है कि रूपया है तो सब कुछ है ,आइये परीक्षा दीजिए दिल खोलकर नकल कीजिए हम है न ,सब संभाल लेंगे और अगर मन नहीं कर रहा है कि पढ़ाई करें ,परीक्षा कापी में लिखने की भी दिक्कत होती है तो भी आप लोगों को सुविधा दी जाएगी। जुगाड़ कीजिए और घर बैठे आपकी जगह किसी दूसरे को बैठा देगें ,किसी को पता भी नहीं चलेगा ,प्राचार्य हमारे और हमारे साथी अशोक राठौर सब संभाल लेते हैं चिंता मत करें आज तक कोई भी नहीं पकड़ाया तो टेंशन मत लें यह कारोबार हमारा काफी दिनों से चल रहा है हमारी पहचान बड़े बड़े लोगों से है ,आपके ऊपर और आपकी डिग्रियों पर कोई आंच नहीं आयेगी। गौरतलब है कि जैतहरी शासकीय महाविद्यालय पहले भी सुर्खियां बटोरता रहा है लेकिन कुछ और मामलों पर मोटी रकम और डमी कैंडिडेट को बैठाने का राज किसी को भी पता नहीं था। लेकिन इनकी अवैध वसूली और जुगल बंदियों का सफर ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया और इनके बीच मोटी रकम को लेकर बहस बाजी और रूपयों को लेकर सामंजस्य न बैठ पाने से विवाद सामने आने लगा और जैतहरी महाविद्यालय की पोल खुलने लगी।
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