हाशिए पर कैलाश,प्रहलाद और राकेश सिंह की राजनीति,मोहन सरकार में नहीं हो रही पूछ परख

शिवराज सरकार में कई ऐसे कद्दावर मंत्री रहे हैं जिनकी एकतरफा तूती बोला करती थी| आज वही मंत्री सरकार में महत्वपूर्ण विभाग मिलने के बाद भी एक ट्रांसफर कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं| जिस वक्त डॉ. मोहन यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात सामने आई और उनके मंत्रिमंडल की तस्वीर सबसे सामने आई जिसमें कैलाश विजयवर्गीय,प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह जैसे नेताओं का नाम जब मंत्री पद के लिए सामने आया तो कयास लगाए जा रहे थे कि मोहन यादव इन बड़े नेताओं के हाथों की कठपुतली बन जाएंगे चेहरा मोहन यादव होंगे और हुकूमत बड़े नेता चलाएंगे| लेकिन ऐसा हुआ नहीं महज कुछ महीनों के अंदर ही डॉ. मोहन यादव ने यह बता दिया कि पार्टी ने उन्हे सीएम बनाया है तो उसके पीछे वजह क्या है? पता चला है कि नगरीय आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कुछ समय पहले कुछ अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए सीएम से कहा था लेकिन उन्होने बात को ऐसे ही टाल दिया| प्रहलाद पटेल के भी कुछ ऐसे ही हाल हैं वो जो भी काम लेकर मोहन यादव के पास जाते हैं तो औंधे मुह ही उन्हे वापस लौटना पड़ता है| कुछ महीने पहले खुद को सीएम का दावेदार समझने वाले राकेश सिंह का भी यही हाल है वो काफी गंभीर प्रवित्ति के नेता हैं चाहते हैं कि मोहन सरकार में उनका दबदबा बरकरार रहे लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है जो भी काम सीएम के पास लेकर जाते हैं उसके बाद उल्टे पांव ही लौटना पड़ रहा है| कुल मिला कर किसी जमाने में भाजपा को चलाने वाले नेता जिनके अंडर में डॉ. मोहन यादव ने राजनीति का ककहरा सीखा आज उन्ही डॉ. मोहन यादव के आगे सारे गुरु चेले बन गए और चेला सभी गुरुओं को चला रहा है और किसी भी नेता में यह मजाल नहीं कि वो अपनी इच्छा से कुछ भी कर पाए|
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