रामनिवास रावत मानसून सत्र के पहले ले सकते हैं मंत्रिपद की शपथ,कांग्रेस ने कार्रवाई तो नहीं होगा उप चुनाव

एक जुलाई से प्रदेश का मानसून सत्र प्रारंभ होने जा रहा है जिसको लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तैयारियां अभी से शुरु हो चुकी हैं| विपक्ष इस बार पूरी तरह से होमवर्क करके सत्ता पक्ष को घेरने की योजना तैयार कर रहा है| लेकिन इस सत्र के पहले प्रदेश सियासी हल्कों में एक बात को लेकर चर्चा जोरों पर है वो यह है कि कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे सदन में किस ओर बैठेंगे| लोग यह भी कयास लगा रहे हैं कि कहीं सचिन बिड़ला की तरह तो कांग्रेस के यह दोनों नेता अपनी विधायकी के साल काट लेंगे| इस बीच एक और खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी में रामनिवास रावत मंत्री बनने की शर्त पर आए हैं लिहाजा यह बात तय है कि रामनिवास रावत ने यूं ही भारतीय जनता पार्टी का दामन नहीं थाम लिया है| Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी मानसून सत्र से पहले रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे को मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना बना रही है| रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री तो वहीं निर्मला सप्रे को राज्य मंत्री के पद से नवाजा जा सकता है| गौरतलब है कि रामनिवास रावत विजयपुर क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीते हैं और वो उनका मजबूत गढ़ नहीं माना जाता है| दूसरी तरफ कांग्रेस रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे को लेकर दलबदल कानून के तहत विधानसभा स्पीकर के समक्ष पिटीशन की तैयारी भी कर रही है| कांग्रेस से भाजपा में आए इन नेताओं को लेकर इन दिनों भाजपा और कांग्रेस में कई तरह की बातें चल रही हैं| भाजपा चाहती है कि इस पूरे मामले का पटाक्षेप हो जाए इस लिए भारतीय जनता पार्टी रामनिवास रावत को मंत्री बनाना चाहती है जिससे कांग्रेस के पास रामनिवास रावत को पार्टी से निकालने के अलावा और कोई तरीका न बचे| कांग्रेस अगर रामनिवास रावत को पार्टी से बाहर करती है तो वो सदन में निर्दलीय विधायक घोषित हो जाएंगे इस लिहाज से उप चुनाव की जरुरत नहीं पड़ेगी|
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