सरकार में चल रही कलह के लिए तीन विधायकों को दिलाई गई शपथ
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने मंत्रिमंडल विस्तार कर पार्टी की अंदरुनी कलह को खत्म करने का प्रयास किया है (MP Assembly elections)। चुनाव के लिए महज डेढ महीने का वक्त बचा है ऐसे समय में मंत्रिमंडल (shivraj cabinet expansion) का विस्तार कर भाजपा ने पार्टी की कलह को खत्म करने का प्रयास किया है लेकिन साथ में विपक्षी दलों के लिए मुद्दा भी दे दिया है। दरअसल जिस प्रकार से मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है वो सियासी पंडितों के गले से नहीं उतर रहा है। खास कर जिस प्रकार से तीन विधायकों को मंत्री की शपथ दिलाई गई है और जिस वर्ग से मंत्री बनाए गए हैं वो लोगों की समझ में नहीं आ रहा है। विंध्य की जनता भाजपा से काफी नाराज थी खासकर सीधी पेशाब कांड (Sidhi Urination case) के बाद जिस प्रकार से आरोपी प्रवेश शुक्ला के मकान पर बुलडोजर चला था उसके बाद विंध्य की जनता भाजपा से काफी नाराज चल रही थी। संघ और संगठन के सर्वे में भी विंध्य की जनता भाजपा से नाराज चल रही थी यही कारण है कि राजेन्द्र शुक्ला (Rajendra Shukla) को एक बार फिर मंत्री बनाया गया है। लेकिन ओबीसी वर्ग से गौरीशंकर बिसेन (Gaurishankar Bisen) और राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) को मंत्री बनाया जाना लोगों के समझ में नहीं आ रहा है । लोगों को उम्मीद थी कि एक एससी वर्ग के विधायक को भी मंत्री बनाया जाएगा लेकिन ऐसा नही हुआ। भाजपा में कुछ नेताओं से बात हुई तो उनका कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से नेताओं की व्यक्तिगत नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया है। लेकिन कुछ विधायकों से बात हुई तो वो इस मंत्रिमंडल विस्तार से और ज्यादा नाराज नजर आए। मतलब साफ है भाजपा की सरकार ने कुछ नेताओं को खुश करने के चक्कर में बहुत से नेताओं को नाराज कर दिया है। जिस प्रकार से तीन मंत्रियों के शपथ में दो ओबीसी वर्ग के विधायकों को मंत्री बनाया गया है उससे भाजपा की सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ओबीसी वर्ग को भाजपा लगातार साधने का प्रयास कर रही है। एससी वर्ग को खुश करने के लिए भाजपा ने एससी वर्ग के संत सिरोमणि रविदास जी के मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया है। भाजपा मान कर चल रही है कि संत रविदास जी का मंदिर बनने के बाद एससी वर्ग भाजपा की ओर ही आएगा। भाजपा की योजना के मुताबिक राजेन्द्र शुक्ला को मंत्री बनाए जाने के बाद विंध्य का ब्राम्हण खुश हो जाएगा तो गौरीशंकर बिसेन और राहुल लोधी को मंत्री बनाए जाने के बाद बुंदेलखंड का ओबीसी वर्ग खुश हो जाएगा। भारतीय जनता पार्टी ने अपनी ओर से जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने का प्रयास किया है अब देखना यही दिलचश्प होगा कि दो महीने बाद होने वाले विधानसभा में भाजप का यह दांव कितना सही साबित होता है।

What's Your Reaction?






