भाजपा की सियासी रोटी में बटर लगाने वाली कांग्रेस के जल रहे हाथ,गृह युद्ध की बनी स्थिति

चुनाव करीब आते-आते भाजपा और कांग्रेस में पलायन का दौर तेज होता जा रहा है (MP Election 2023)। कांग्रेस (mp congress) के बड़े नेता अपने नंबर बढ़वाने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं से संपर्क कर उन्हे कांग्रेस में ज्वाइन तो करवा रहे हैं लेकिन इन कार्यकर्ताओं के कांग्रेस में शामिल होने के कारण पार्टी में गृह युद्ध की स्थिति निर्मित हो गई है। ताजा मामला नर्मदापुरम कांग्रेस का है जहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा (Sitasharan Sharma) के भाई गिरिजा शंकर (Girija Shankar Sharma) को सुरेश पचौरी (Suresh Pachouri) की मिली भगत से कांग्रेस की सदस्यता दिला दी गई है और अब वो एक मजबूत दावेदार के रुप में अपना दावा भी ठोंक रहे हैं। लेकिन इनके दावे के कारण कांग्रेस के मूल कार्यकर्ताओं के बीच कलह की स्थिति बन गई है। उसकी बानगी शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (Madhya Pradesh Congress Committee) में देखने को मिली जहां नर्मदापुरम के कांग्रेस प्रवक्ता राजेन्द्र सिंह राठौर कांग्रेस प्रदेश मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा (KK Mishra) के सामने अपनी भड़ास निकालते नजर आए। राजेन्द्र सिंह राठौर का गुस्सा इतना भारी था कि बार-बार समझाने के बाद भी वो शांत होने के लिए तैयार नहीं थे। दरअसल Mukhbirmp.com को मिली जानकारी के अनुसार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को इस बार भाजपा टिकट नहीं दे रही है,मामले की जानकारी होने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पर जमकर डोरे डाले लेकिन उन्होने भाजपा नहीं छोड़ने का फैसला किया। ऐसी स्थिति में राजनीति में बने रहने के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने अपने भाई गिरिजा शंकर शर्मा को कांग्रेस में जाने के लिए मना लिया। पूर्व विस अध्यक्ष को आशंका है कि इस बार कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाएगी लिहाजा भाई को कांग्रेस में शामिल कर सत्ता का सुख पीछे के दरबाजे से भोगा जा सकता है। अभी तक उनकी रणनीति काफी हद तक कामयाब भी हुई लेकिन गिरिजा शंकर के कांग्रेस में आने से कांग्रेस के गुटों की एकबार फिर कलई खुल गई है। जो कांग्रेस एकजुटता का खोंखला दावा करती दिख रही थी उसी कांग्रेस के अलग-अलग धड़े सतह में आने लगे हैं। पचौरी कांग्रेस,अरुण यादव कांग्रेस,अजय सिंह (राहुल) कांग्रेस, दिग्विजय कांग्रेस, कमलनाथ कांग्रेस और अंत में कांतीलाल भूरिया कांग्रेस। इतने धड़ों में बंटी कांग्रेस अब इस पशोपेश की स्थिति में आ गई है कि भाजपा से आए कार्यकर्ताओं और मूल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य कैसे स्थापित किया जाए। अभी तक सिंधिया के भाजपा में जाने और सिंधिया गुट और मूल भाजपाई कार्यकर्ताओं के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई पर कांग्रेस के नेता चुटकी लेते नजर आ रहे थे लेकिन अब उसी मुहाने पर कांग्रेस भी खड़ी है जिस मुहाने पर भाजपा सिंधिया खेमे को लेकर खड़ी है। मजे की बात यह है कि भाजपा में नेताओं के बीच विवाद रोकने के लिए अलग से टीम है लेकिन कांग्रेस में सबकुछ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के भरोसे ही रहता है लिहाजा पार्टी के अंदर चल रहे गृह युद्ध को रोकने का काम दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को करना है साथ में चुनावी तैयारियों को अंतिम रुप देने का काम भी दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) और कमलनाथ (Kamal Nath) को ही करना है।

Sep 10, 2023 - 09:30
Sep 10, 2023 - 09:40
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MP Congress

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