एक ऐसा नायक जो सबकुछ करके भी नहीं लेता क्रेडिट,कौन है वो नायक...
चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीति करते हैं लेकिन जो दूसरों को जिताने के लिए राजनीति करे वो असल में नायक कहलाता है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि वो सबकुछ करके भी कोई क्रेडिट नहीं लेता। बात करते हैं साल 2019 की जब प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बनी। महज कुछ सीटों के अंतर से भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा। भाजपा के कई नेताओं की राजनीतिक विरासत खतरे में पड़ गई। ऐसे में भाजपा का एक ऐसा नेता सामने आया जिसे 'संकट मोचक' भी कहा जाता है। कट्टर हिंदुत्व की छवि तो उनमें दिखती ही है साथ ही प्रदेश के हर जिले का ब्राह्मण उन्हे अपना नेता मानता है। वो नाम है डॉ. नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) जिसने राजनीति में कभी हारना नहीं सीखा है। कहते हैं कुछ लोग जीवन में इतने संघर्ष करके आगे आते हैं कि छोटे मोटे राजनीतिक झटके उसके लिए कोई मायने नहीं रखते उन्ही में हैं डॉ. नरोत्तम मिश्रा। बीजेपी की सरकार जा चुकी थी उस वक्त उन्होने केन्द्रीय नेत्रृत्व को भरोसा दिलाया कि वो कांग्रेस की सरकार गिरा सकते हैं एक-दो मीटिंग में तो केन्द्रीय नेत्रृत्व ने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया लेकिन नरोत्तम मिश्रा तो उन नायकों में हैं जो एक बार कदम बढ़ा देते हैं तो फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखते। आखिर डॉ. नरोत्तम मिश्रा के आगे केन्द्रीय नेत्रृत्व भी झुका और आपरेशन लोटस की अनुमति दे दी। इस आपरेशन को सफल बनाने के लिए डॉ. नरोत्तम मिश्रा जुट गए और वो दिन आया कि जब कांग्रेस के डेढ़ दर्जन विदायक अचानक गायब हो गए। आखिर कांग्रेस की सरकार गिर गई। यहां भी सबकुछ करने के बाद भी डॉ. नरोत्तम मिश्रा के हाथ सीएम पद की कुर्सी नहीं बल्कि गृह मंत्रालय हाथ लगा। सबकुछ करके भी पूर्व गृह मंत्री ने किसी प्रकार का क्रेडिट नहीं लिया। साढ़े तीन साल सरकार चलने के बाद विधानसभा चुनाव हुआ और वो सियासत का नायक खुद चुनाव हार गया। हांलाकि राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा के बढ़ते राजनीतिक कद को देखते हुए उन्हे हराया गया है। लेकिन कभी न हार मानने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने यह साबित किया कि उन्हे कितना भी दरकिनार किया जाए लेकिन वो कभी हार नहीं मानते। ज्वाइनिंग कमेटी का उन्हे संयोजक बना दिया गया और जिस दिन से उन्हे नई जिम्मेदारी मिली कांग्रेस में भगदड़ मच गई। कांग्रेस के पूर्व विधायक से लेकर पूर्व सांसद और अन्य पदाधिकारियों सहित कांग्रेस के हर छोटे बड़े नेताओं के बीजेपी में आने का सिलसिला शुरु हो गया। छह अप्रैल भाजपा का स्थापना दिवस होता है इस दिन को यादगार बनाने के लिए डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने एक लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा और एक दिन में एक लाख 26 हजार से ज्यादा नए कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल कराने का कीर्तिमान रच दिया। ओवरआल तीन महीने की ज्वाइनिंग के आंकड़े की बात करें तो दो लाख 58 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए। इन सबके बीच जब डॉ. नरोत्तम मिश्रा से पूछा गया तो उन्होने पूरा श्रेय पीएम मोदी,राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा,सीएम मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को दिया और कहा कि उन्ही के नेत्रृत्व से प्रभावित होकर सभी लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं। मतलब साफ है कि सबकुछ करके सारा श्रेय भी किसी दूसरे को कैसे दिया जाता है। यह बात पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा में देखने को मिली इसी लिए लोग उन्हे राजनीति का नायक और चाणक्य कहते हैं।
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