'की' वोटर्स के हाथ से खुलेगा मोदी सरकार का ताला,विधानसभा सत्र के बाद मोहन सरकार गांव-गांव में करेगी रात्रि विश्राम
जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी अभी लोकसभा चुनाव को लेकर बैठकें कर रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी धरातल में उतर चुकी है। भाजपा के नेताओं में गांव में डेरा डाल दिया है और मिशन 2024 को फतह करने के लिए जी जीन लगा रहे हैं। (gaon chalo abhiyan) भारतीय जनता पार्टी ने अब पन्ना और अर्ध पन्ना प्रभारियों से भी नीचे उतरते हुए की वोटरों को अपने टारगेट पर लिया है। की वोटर भाजपा की तरफ से उन्हे कहा जाता है जो गांव मोहल्ले में चर्चित लोग हों। वो किसी भी जाति वर्ग अथवा धर्म के लोग हो सकते हैं। ऐसे की वोटरों को भाजपा के पदाधिकारियों के द्वारा पहले सम्मानित किया जाता है और फिर उन्हे भाजपा में शामिल होने का न्योता दिया जाता है। भाजपा नेताओं का मानना है कि गांव के टोला मोहल्ले में ऐसा कोई ब्यक्ति होता है जिसका प्रभाव जनता के बीच होता है यानि उसी के हाथ में उस गली मोहल्ले के वोटरों की चाभी होती है। मतलब साफ है कि भारतीय जनता पार्टी शहर और गांव का ऐसा कोई कोना नहीं छोड़ना चाहती जहां पर भाजपा के वोटर न हों। अभी तक इस अभियान में भारतीय जनता पार्टी का संगठन अकेले चल रहा है लेकिन विधानसभा का सत्र समाप्त होते ही मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायक भी गांव में रात्रि विश्राम करेंगे। इस अभियान के तहत एक नेता किसी एक गांव में जाएगा और पूरे 24 घंटे तक उसी गांव में चाय पर चर्चा,खाने पर चर्चा अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित कर उस गांव की जनता को मोदी सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं और योजनाओं को बताएगा और उन्हे प्रेरित कर भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए कहेगा। प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ड़ॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि भाजपा जनता के घर पर पहुंचती है। उनका सुख और दुख सुनती है उसी से जनता का झुकाव भाजपा की तरफ होता है। और कांग्रेस पार्टी सिर्फ बातें और ट्विटर पर ही सीमित है अज भी कांग्रेस में सामंतवाद के अलावा कुछ और नहीं है। कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि जनता घर बैठे उन्हे जिताएगी इसी लिए आज उनकी यह दशा हो रही है। लेकिन भाजपा अपने काम पर विश्वास रखती है यही कारण है कि जब वोटर ईवीएम तक पहुंचता है तो उनकी उंगली कमल के बटन पर ही जाती है और कांग्रेस कहती है कि ईवीएम की हैकिंग हो रही है जबकि उसके पीछे भाजपा के नेताओं की मेहनत और मोदी की योजनाएं हैं और कुछ नहीं है। (lok sabha elections)

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