अबकी बार 'गणेश' विसर्जन पर ध्यान,फंसी सतना और अब रीवा की बारी

लोकसभा का चुनाव जितना आसान दिख रहा है उतना है नहीं। एमपी में करीब दस ऐसी लोकसभा सीटें हैं जहां पर जीत किसी की भी हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। विंध्य की बात करें तो यहां पर बीजेपी के लिए विधानसभा से ज्यादा कठिन लोकसभा का चुनाव होता चला जा रहा है। सतना से चार बार के सांसद गणेश सिंह (ganesh singh) पर बीजेपी ने एक बार फिर दांव लगाया है और उनके खिलाफ कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतार दिया गया है। ये वही सिद्धार्थ कुशवाहा (siddharth kushwaha) है जिन्होने विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को करारी पटखनी दी थी। और अब वही दोनों प्रतिद्वंदी एक बार फिर चुनाव मैदान में दो हाथ करने के लाए तैयार हैं। लेकिन इसके ठीक उलट मैहर से चार बार विधायक रह चुके नारायण त्रिपाठी (narayan tripathi) ने बीएसपी से टिकट लेकर चुनाव में उतने का ऐलान कर दिया है। मतलब साफ है ब्राम्हण बाहुल सीट में दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों ने ओबीसी उम्मीदवार पर दांव लगाया है। ऐसा माना जा रहा है कि सतना के ब्राम्हणों का पूरा वोट नारायण त्रिपाठी के पक्ष में जाएगा। उसके अलावा एससी वर्ग का वोट बीएसपी के नाते नारायण त्रिपाठी के खाते में जाएगा। और अगर ऐसा होता है तो अबकी बार गणेश विसर्जन तय है। गणेश सिंह से स्थानीय जनता काफी नाराज भी है। गणेश सिंह को कट्टर कुर्मी नेता माना जाता है। हांलाकि भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता संभावित हार को मानने के लिए तैयार नहीं हैं बल्कि उनका यह मानना है कि नारायण त्रिपाठी का चुनाव मैदान में उतरने का मतलब है कि गणेश सिंह एक बार फिर सतना से भाजपा का पर्चम लहराने वाले हैं।

Mar 22, 2024 - 16:39
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अबकी बार 'गणेश' विसर्जन पर ध्यान,फंसी सतना और अब रीवा की बारी

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