मिशन एमपी क्लीन स्वीप में आदिवासियों की रही महत्वपूर्ण भूमिका,55% आदिवासियों ने भाजपा को दिया वोट

प्रदेश के आदिवासियों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी तरफ से हर तरह के प्रयास किए और उसमें भाजपा को कामयाबी भी मिली। लोकसभा चुनाव में आदिवासी बहुल प्रमुख राज्यों में गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में इन सीटों पर सर्वाधिक 55 प्रतिशत वोट भाजपा को मिले हैं। हांलाकि यह प्रदेश में भाजपा को मिले 59.27 प्रतिशत मत से 4.27 प्रतिशत कम है। गुजरात में भाजपा को 61.86 प्रतिशत मत मिले हैं। जबकि चार एसटी सुरक्षित सीटों पर 59.4 प्रतिशत वोट भाजपा को मिले हैं। इसी तरह झारखंड में 49.34 और राजस्थान में 40.81 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। एमपी की बात करें तो भाजपा को सर्वाधिक 61.73% मत शहडोल में और सबसे कम 48.93 प्रतिशत मंडला में है। पीएम मोदी ने आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित धार,खरगोन और बैतूल लोकसभा क्षेत्र में तो कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शहडोल,मंडला,रतलाम और खरगोन में जनसभाएं कीं। राहुल गांधी ने प्रदेश में आदिवासियों को साधने के लिए यह भी कहा था कि कांग्रेस सत्ता में आती है तो संविधान की पांचवी सूची लागू करेंगे। इसमें आदिवासियों को कई बड़े प्रशासनिक अधिकार मिल जाते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित 47 सीटों में भाजपा को 15 सीटें ही मिली थी। पिछले वर्ष विधानसभा चुनावों में किए प्रयासों से भाजपा को सफलता मिली। इसमें 47 सीटों में भाजपा 24 कांग्रेस 22 और भारत आदिवासी पार्टी को एक सीट मिली।
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