आखिर चर्चा में क्यों है मध्यप्रदेश कैडर की 2 महिला आईएएस
मध्य प्रदेश कैडर की 2 महिला आईएएस (mp women ias) इन दिनों अपने रौबदार अंदाज के लिए चर्चा में हैं । आईएएस की नौकरी को उन्होंने शासकीय तंत्र के दुरुपयोग का साधन बना लिया है। जानकारी के मुताबिक यह महिला अधिकारी जिस विभाग में पदस्थ रहती हैं उसके संसाधनों पर अपना स्थाई कब्जा जमा लेती हैं। जिसकी वजह से वे इन दिनों प्रशानिक गलियारों के अलावा राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। बता दें कि दोनों महिला आईएएस अधिकारी राज्य शासन के एक निगम में एमडी रह चुकी है। एमडी रहते हुए उन्होंने निगम में अटैच एक कार को अपने आधीन रख लिया। जिसका 40 हजार रुपए महीना किराया एवं पेट्रोल–डीजल का खर्च हर महीने निगम द्वारा वहन किया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि इनके बाद निगम में जितने भी एमडी आए किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। और पिछले 2 साल से लगातार भुगतान किया जा रहा है। इनके अलावा एक और महिला आईएएस निगम की एमडी बनकर आई। उन्होंने निगम के 4 भृत्य को अपने बंगले पर रख लिया। कर्मचारी और गाड़ी बार बार बुलाने के बाद भी डर के कारण नहीं आ रहे है। पिछले करीब डेढ़ साल से चारों भृत्या की सैलरी भी निगम दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसकी वजह से निगम को हर साल लाखों रुपए का नुकसान भी हो रहा है। एक तरफ तो जहां मोहन सरकार कर्ज लेकर सरकार चला रही है वहीं दूसरी ओर सरकार मे बैठे अधिकारी जमकर अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की मोहन सरकार को सभी निगम मंडल में अटैच गाड़ी और बंगलों पर ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों जानकारी मांगकर फिजूलखर्ची पर तत्काल रोक लगानी चाहिए। हृदेश धारवार
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