भाजपा कार्यालय में जब बुजुर्ग पुजारी को दान में मिले 500 रुपये हुए चोरी,भूखे पेट घर लौटा पुजारी

तस्वीर में दिख रही बुजुर्ग के माथे की झुर्रियां यह बताने के लिए काफी हैं कि वो कितनी परेशानियों से जूझ रहा है| दरअसल यह बुजुर्ग जबलपुर से लगे मझौली विकासखंड के नेमुआ गांव से आते हैं इनका नाम राकेश पाठक है और ये एक मंदिर में पुजारी का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं| आमतौर पर मंदिर में रहने वाले पुजारियों के लिए लोगों के मन में धारणा रहती है कि वो बहुत कमाते हैं और इनका जीवन खूब खुशमय रहता है| लेकिन इन बुजुर्ग की कहानी सुन कर लोगों के मुगालते दूर हो जाएंगे| यह बुजुर्ग पुजारी आवास योजना के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं| PWD मंत्री राकेश सिंह से आवास के लिए गुहार लगाने ये जबलपुर से भोपाल तक पहुंच गए इनकी मुलाकात राकेश सिंह से बीजेपी कार्यालय में हुई और इस दौरान इन्होने राकेश सिंह को आवेदन दिया लेकिन राकेश सिंह ने किसी सिपाही को लेटर दे दिया जिसके बाद वो गुम हो गया| इनके पास रुकने और खाने का ठिकाना नहीं था| कार्यालय मंत्री को इन पर दया आई और उन्होने पुजारी को देखकर उन्हे 500 रुपये दिया और कहा कि आप भाजपा की कैंटीन में जाकर खाना खा लीजिए और जबलपुर वापस लौट जाइए| लेकिन इनकी बदनसीबी ने इनका यहां भी पीछा नहीं छोड़ा| इनको अचानक बाथरुम लगी तो इन्होने 500 रुपये से भरे अपने बैग को भाजपा के किसी ड्राइबर को पकड़ा दिया| जब वो बाथरुम से बाहर निकले तो उसने बैग तो दे दिया लेकिन जब वो कैंटीन खाने के लिए गए तो बैग से 500 रुपये गायब मिले| बेचारे पुजारी जी को खाने का आर्डर कैंसिल कर वापस लौटना पड़ा| Mukhbirmp.com की टीम को मिले तो इनकी मदद की गई लेकिन ऐसे ही एक पुजारी की कहानी नहीं है रिकार्ड में लिखा ब्राम्हण अब कई लोगों के लिए समस्या का सबब बन रहा है| इन बुजुर्ग ने बताया कि उनके पास रहने के लिए घऱ नहीं है जो था वो टूट गया है और इस बरसात में वो अपने परिवार के साथ कैसे रहेंगे यह पड़ा सवाल है| इसी लिए वो जबलपुर से भोपाल तक आए लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई और मायूस होकर जबलपुर लौटना पड़ा|
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