आखिर आनंद भट्ट से उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को मोह क्यों,क्या रीवा की जनता का अपमान चाहते हैं राजेन्द्र शुक्ला
इंसान के शांत चेहरे के पीछे क्या चल रहा है इस बात का अंदाजा लगाना मुस्किल है। और ये बात चरितार्थ होती है उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला (rajendra shukla) के ऊपर। जिन्होने अपने निजी सचिव को इतनी छूट दे रखी है जो किसी का भी अपमान कर सकता है। राजेन्द्र शुक्ला एक सरल और सौम्य क्षवि वाले विकाश सील नेता की क्षवि रखते हैं। राजेन्द्र शुक्ला ने रीवा में विकास के नए आयाम रचे हैं लेकिन उनकी कीर्ति को उन्ही का निजी सचिव ध्वस्त कर रहा है जिसकी जानकारी उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को नहीं है अथवा वो सब जान कर भी अनजान हैं। झाबुआ के रहने वाले आनंद भट्ट (anand bhatt) उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला के साथ करीब 15 साल से जुड़े हैं और उनका सारा काम वही देखते हैं। आनंद भट्ट का एक ही काम है रीवा की जनता का अपमान करना,उनका तिरस्कार करना और किसी भी सूरत में रीवा के लोगों को राजेन्द्र शुक्ला से दूर रखना। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला और उनके निजी सचिव की जुगलबंदी की कहानियां अब संघ तक पहुंच चुकी हैं। जो राजेन्द्र शुक्ला संघ के काफी करीबी माने जाते थे उन्ही राजेन्द्र शुक्ला पर अब संघ की तीसरी नजर जम जुकी है। उप मुख्यमंत्री बनने के बाद राजेन्द्र शुक्ला ने आनंद भट्ट को अपना निजी सचिव बना लिया उसके बाद आनंद भट्ट ने धीरे-धीरे कर उनके पूरे स्टाफ में झाबुआ का ही पूरा स्टाफ शामिल हो गया है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाफ में तबादलों खूब दौर चला है। कहा जा रहा है कि आनंद भट्ट ने जिसकी फाइल भेजी उसी का ट्रांसफर हुआ है बांकी किसी के तबादले की फाइल आगे नहीं बढ़ी है। आनंद भट्ट की अंगुलियों पर रीवा के चहेते नेता राजेन्द्र शुक्ला नाचते हैं और रीवा की जनता को यही पसंद नहीं है कि उनका नेता एक ऐसे कर्मचारी की अंगुरियों में नाचे जो पर्दे के पीछे से उनके लिए विलेन का काम कर रहा है। पता चला है कि आनंद भट्ट के कारण उप मुख्यमंत्री कई करीबियों ने उनसे दूरी बनाना शुरु कर दिया है। आखिर ऐसा हो भी क्यों न अपनी इज्जत सभी को प्यारी है। क्योंकि रीवा के लोग राजेन्द्र शुक्ला से मिलने जाते हैं तो उन्हे कतार में लगने के लिए कहा जाता है और कही अन्य जगह के लोग राजेन्द्र शुक्ला से मिलने आते हैं तो उन्हे पीछे के दरवाजे से अंदर कर दिया जाता है और उनके लिए उप मुख्यमंत्री के पास पर्याप्त समय होता है। रीवा वालों को जो समय देना चाहिए वही समय बाहरी लोगों को दिया जा रहा है। और यही लोगों की नाराजगी का कारण भी बनता चला जा रहा है।
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