ये तो ट्रेलर था...पिक्चर अभी बांकी है...
ये तो ट्रेलर था...पिक्चर अभी बांकी है... कहते हैं खलिहान में आग लगने से पहले चूहे खलिहान छोड़ कर भाग जाते हैं। दरअसल यह कहावत बीजेपी पर चरितार्थ हो रही है जिस प्रकार बीजेपी के वरिष्ठ नेता दीपक जोशी ने बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा है उससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी में अब स्थितियां पहले जैसी नहीं हैं। कांग्रेस की सदस्यता लेते ही दीपक जोशी जिस प्रकार मुखर हुए और एक के बाद एक परत दर परत बीजेपी की पोल खोलने लगे उससे साफ नजर आ रहा था कि दीपक जोशी के मन में बीजेपी के खिलाफ कितना मलाल भरा पड़ा है। दीपक जोशी ने खुल कर कहा कि अब पहले वाली बीजेपी नहीं रही जहां कार्यकर्ताओं की सुनवाई हुआ करती थी और कार्यकर्ताओं का हालचाल जानने का प्रयास किया जाता था। दीपक जोशी ने कहा कि उनके पिता बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे उन्होने सारा जीवन बीजेपी को दे दिया लेकिन बदले में क्या मिला जब मौका मिला तो पार्टी ने उन्हे भी टिकट नहीं दिया इतना ही नहीं उनका एक स्मारक बनाने की इच्छा थी तो तीन साल में उसके लिए समय नहीं मिला की कैलाश जोशी का एक स्मारक बनवा दिया जाए। दीपक जोशी कांग्रेस कार्यालय में अपने पिता की फोटो लेकर पहुंचे थे और कहा कि उन्होने अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए जीवन में कभी भ्रष्टाचार को बरदास्त नहीं किया है। दीपक जोशी ने यह भी कहा कि वो कांग्रेस में बिना किसा शर्त के आए हैं बीजेपी में रहते कोरोना के कारण इलाज के अभाव में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। कांग्रेस के नेता विपक्ष के हैं लेकिन दिग्विजय सिंह हों या फिर अरुण यादव और अजय सिंह इन नेताओं के समय-समय पर फोन आया करते थे कैसे हैं आप लेकिन तीन साल में भाजपा की ओर से किसी का फोन नहीं आया कि कैसे हैं आप। अंतर साफ है कि भाजपा में कार्यकर्ताओं को किस प्रकार से ट्रीट किया जाता है। दीपक जोशी ने यह भी कहा कि अगर कमलनाथ कहेंगे तो वो भाजपा के खिलाफ पूरे प्रदेश में यात्रा निकालने के लिए तैयार हैं और भाजपा की पोल खोलने के लिए तैयार हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताविक दीपक जोशी के बाद कुछ और बड़े नेता हैं जो कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं। कमलनाथ से और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से बीजेपी के कई नेताओं की चर्चाएं चल रही हैं जल्द ही एक साथ कई नेता कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं।
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