भाजपा ने कांग्रेस के सामने किया सरेंडर-अब राम ही करेंगे बेड़ा पार
कर्नाटक चुनाव से भारतीय जनता पार्टी को काफी उम्मीदें थीं लेकिन जिस प्रकार से कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला दिया उसके बाद एमपी बीजेपी के कार्यकर्ताओं के दिल को गहरा आघात लगा है। पहले ही पार्टी के कार्यकर्ता मंत्रियों और विधायकों की अपेक्षाओं के चलते खुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे ऊपर से कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की हार ने कार्यकर्ताओं को मायूस करके रख दिया है। लेकिन इसके उलट देखें तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कर्नाटक की जीत ने संजीवनी देने का काम किया है। कहते हैं भारत गांव में बसता है अगर गांव की बात करें तो अब सीएम शिवराज गांव की जनता से ही अपना विश्वास खो बैठे हैं। जिस विंध्य को भाजपा अपना गढ़ मानती थी उसी विंध्य की जनता आज भाजपा की सरकार को अपशब्द कहती नजर आ रही है। हाल ही में Mukhbirmp.com के एक संवाददाता ने रीवा,सीधी,सिंगरौली और सतना का दौरा किया जिसने बस में आम लोगों से बात की महिलाओं से भी बात की जिससे लब्बो लुआब ये निकला कि अब विंध्य की जनता प्रदेश में बदलाव चाहती है। जिन महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए सीएम शिवराज ने लाड़ली बहना योजना लांच की वही लाड़ली बहनें कह रही हैं कि उन्हे सीएम शिवराज नहीं चाहिए। Mukhbir के संवाददाता ने एक महिला से पूछा कि भाजपा सरकार के बारे में क्या सोचती हैं जिस पर उस महिला का कहना था कि एक हजार रुपये के नाम पर वोट खरीदे जा रहे हैं महिलाओं को देना ही था तो यही योजना दो-तीन साल पहले क्यों शुरु नहीं की आज चुनाव आया तो लाड़ली बहनें याद आ रही हैं। एक महिला का ये जवाब जा कि कमलनाथ जो कहते हैं वो जरुर पूरा करते हैं कमलनाथ झूठ नहीं बोलते। सरकार के पास पैसे नहीं होते तो वो कह देते हैं कि सरकार का खजाना खाली है लेकिन भाजपा की सरकार तो वादे पर वादे किए जा रही है। बस में बैठी एक युवती ने कहा कि 2018 में भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में छात्राओं को स्कूटी देने का वादा किया था लेकिन वो स्कूटियां आज तक नहीं मिली। यह कहानी सिर्फ बस में बैठी महिलाओं और आम लोगों की है नाराजगी का कालम यहीं खत्म नहीं होता है ट्रेन में भी कुछ इसी प्रकार का हाल देखने को मिला। ट्रेन में स्लीपर कोच हो या जर्नल कोच सभी जगहों पर इस समय चुनावी चर्चाएं तेज हैं हर ब्यक्ति पक्ष और विपक्ष की बात कर रहा है। आम जनता इस वक्त भाजपा और कांग्रेस को लेकर आत्म अवलोकन कर रही हैं। जानकारी के मुताविक संघ,संगठन और सत्ता पक्ष की ओर से सर्वे करवाया गया है जिसमें भाजपा को 60 सीटों से ज्यादा नहीं मिल रही हैं। यह सभी सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का मनोबल तो घटा ही है साथ में कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ती धूप में छनकते तवे की तरह हो गया है जिसमें जितना पानी डालेंगे उतना ही छनकेगा।
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