‘नहीं चलेगी विधायक-सांसदों की मर्जी’,भाजपा के संगठन चुनाव में सर्वसम्मति से सर्वमान्य ब्यक्ति का होगा चयन,केन्द्रीय नेतृत्व रखेगा विशेश नजर

मप्र भाजपा के संगठनात्मक चुनाव का आज से आगाज होने जा रहा है जो 20 नवंबर तक चलेगा| इन छह दिनों में भाजपा प्रदेश के 65 हजार 15 बूथों पर चुनाव को संपन्न कराने जा रही है| सभी जिलों में भाजपा ने पहले ही चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिया था| इस चुनाव की विशेषता यह है कि भारतीय जनता पार्टी किसी भी जनप्रतिनिधि के दबाव में काम नहीं करेगी| मतलब साफ है कि संगठन के किसी काम में जनप्रतिनिधि का दबाव बर्दास्त नहीं किया जाएगा| यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव प्रभारियों को सख्त निर्देश जारी किया गया है कि वो किसी भी जनप्रतिनिधि के निवास पर बैठ कर संगठनात्मक चुनाव संपन्न नहीं कराएंगे| संगठन की ओर से कहा गया है कि किसी विधायक अथवा सांसद के रिस्तेदार य फिर समर्थक को संगठन में शामिल नहीं करने के लिए कहा गया है| मक्शद साफ है कि भाजपा की तरफ से स्थानीय संगठन को विधायक-सांसद की मर्जी से नहीं चलने दिया जाएगा| दरअसल यह शिकायत लंबे समय से आ रही थी कि भाजपा के संगठनात्मक चुनाव में विधायक और सांसदों की मर्जी से उनके समर्थक अथवा रिस्तेदारों को ही जिला और मंडल स्तर में पदाधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाता था जिसके कारण पार्टी में काम करने वाले अन्य कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिल पाता था| इस चुनाव में भाजपा ने संगठन को बड़ा विस्तार देने की रणनीति तैयार की है जिसके तहत हर बूथ में एक अध्यक्ष और 11 अन्य सदस्य होगा| मतलब भाजपा हर बूथ पर अपने 12 पदाधिकारी रखने पर काम कर रही है| इससे पहले भाजपा ने हर बूथ में 200 कार्यकर्ता बनाने का लक्ष्य रखा था जिसे भाजपा ने हासिल कर लिया है| दरअसल इस योजना के माध्यम से भाजपा मिशन 2028 और 29 की नीव अभी से रख रही है जिससे भाजपा की जीत पर किसी प्रकार का संशय न रहे| भाजपा के संगठनात्मक चुनाव 14 से 20 नवंबर के बीच होने हैं और इसी दौरान भाजपा प्रदेश के सभी बूथों और मंडलों में चुनाव को संपन्न कराकर केन्द्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी|
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